कैसे लाएं अंग्रेजी में ज्यादा अंक

अशोक सिंह

Webdunia
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बारहवीं के बोर्ड एग्जाम में अमूमन छात्र अंग्रेजी को इतनी गंभीरता नहीं लेते हैं, खासतौर से पब्लिक स्कूल के स्टूडेंट्स तो इसे 'टेक इट ग्रांटेड' सब्जेक्ट के रूप में लेते हैं। इस सोच और एप्रोच का नतीजा बुरा ही होता है। अंग्रेजी की लापरवाही वाली गलतियों के कारण न सिर्फ अंग्रेजी के पेपर में कम नंबर मिलते हैं बल्कि अंतिम नतीजों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।

अंग्रेजी का ज्ञान आगे की पढ़ाई के लिए जरूरी है साथ ही बोर्ड के अंकों की अहम भूमिका अच्छे कोर्स और नामी कॉलेजों में एडमिशन दिलवाने में भी कम नहीं होती है। आइए बात करते हैं इस विषय में छात्रों द्वारा की जाने वाली आम गलतियों और पेपर में बेहतरीन प्रदर्शन करने के कुछ आसान टिप्स पर।

आम गलतियां
- समूचे साल छात्र द्वारा अंग्रेजी की टेक्स्ट बुक्स को पलट कर भी नहीं देखने की बुरी आदत।

- अंग्रेजी सिलेबस को परीक्षा डेट शीट घोषित होने पर गाइड से तैयार करने की आनन-फानन कोशि श।

- बिना लिखे या नोट्स बनाए हुए तैयारी करना।

- ग्रामर को पूरी तरह से नजरअंदाज करना।

- अंग्रेजी टेक्स्ट बुक्स के चैप्टर्स को पढ़े बिना सवाल-जवाब देने करने की आदत।

- स्पेलिंग मिस्टेक्स पर ध्यान नहीं देना।

- टीचर से कभी कॉपी चेक नहीं करवाने का आलस।

सुधारने के टिप्स
- अब जितना भी समय है उसमें अंग्रेजी की एनसीईआरटी की समूची टेक्स्ट बुक को एक बार कहानी की तरह पढ़ लें। इसमें ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।

- इसके बाद बेशक गाइड की सहायता से सवाल-जवाब एक बार जरूर लिख लें। इससे काफी कुछ याद रहेगा।

- ग्रामर के हिस्सों की प्रैक्टिस करनी अत्यंत जरूरी है। सिलेबस और सीबीएससी के पैटर्न को ध्यान में रखते हुए पैराग्राफ राईटिंग, प्रेसी, अनसीन पेस्सेज, लेटर राईटिंग, तथा अन्य ग्रामर के हिस्सों से जुड़े प्रश्नों का अभ्यास किसी ग्रामर की किताब से कर सकते हैं।

- क्लास में जिन महत्वपूर्ण चैप्टर्स या टॉपिक्स पर ध्यान देने को कहा गया हो उनके बारे में अगर आपको जानकारी नहीं तो हो सहपाठियों से पूछ कर थोड़ा समय अवश्य लगाना चाहिए।

- टीचर्स से अपनी कॉपी एक बार चेक करवानी चाहिए ताकि आपकी गलतियों की जानकारी समय रहते आपको भी मिल सके।

- रोजाना अंग्रेजी न्यूज पेपर पढ़ने से न सिर्फ ताजी खबरों से रू-ब-रू हो सकते हैं बल्कि अंग्रेजी भाषा के नए प्रयोगों और शब्दों की भी जानकारी मिलती है।

- किसी भी भाषा पर अधिकार पाने के लिए उसका थ ोड़ ा बहुत प्रयोग करने की आदत काफी कामगर सिद्ध होती है, इस बात को नहीं भूलें ।

- मॉडल टेस्ट पेपर्स, पिछले वर्षों के बोर्ड के पेपर्स और सीबीएसई के सैंपल पेपर्स की जितनी प्रैक्टिस करेंगे उससे आत्मविश्वास बढ़ने के साथ-साथ उत्तर लेखन में पूर्णता भी आती जाएगी। ये निर्धारित समय में ही करें तो बेहतर होगा।

- लेखन में भारी भरकम शब्दों के बदले आसान शब्दों का इस्तेमाल करें। वाक्य अत्यंत छोटे होने चाहिए और एक-दूसरे से संबंधित भी। नए विचार के लिए नया पैरा शुरू करना चाहिए।

- सीबीएसई द्वारा विभिन्न टॉपिक्स के लिए निर्धारित अंकों को ध्यान में रखते हुए तैयारी करनी चाहिए।

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