इम्प्रेसिव हो प्रेजेन्टेशन

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जय और राज ने एकसाथ ही पढ़ाई की। दोनों ने एकसाथ एमबीए किया। दोनों के मार्क्स भी एक जैसे ही थे। दोनों ही पढ़ाई में अव्वल थे, पर सफलता ज्यादा जय के हाथ लगी। कारण, जय जहाँ भी इंटरव्यू देने जाता, उसका प्रेजेन्टेशन राज से अच्छा होता। राज को जहाँ किताबी ज्ञान था, वहीं जय को किताबी ज्ञान के साथ-साथ प्रक्‍टि‍कल नोलेज भी था। जय को बात को प्रस्तुत करने का तरीका भी आता था जिसका उसे भरपूर लाभ मिला।

यह सच है कि उच्च शिक्षा सफलता की राह को आसान बनाती है, पर इस तथ्य को भी दरकिनार नहीं किया जा सकता कि उच्चतम शिक्षा के साथ-साथ उसका प्रेजेन्टेशन भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

अगर आप चाहते हैं कि आप भी सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ते जाएँ तो इसके लिए निम्न सुझावों पर अवश्य गौर फरमाएँ-

बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान दें :
सर्वप्रथम अपनी बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान दें। बॉडी लैंग्वेज को नियंत्रित रखने की कोशिश करें। आवाज की स्थिरता व पूछे गए सवालों का जवाब स्पष्टता से दें। अपने को अप-टू-डेट रखें। इंटरव्यू में जो भी पूछा जाए, उसका जवाब आत्मविश्वास के साथ दें। लेकिन हाँ, कभी भी ओवर कॉन्फिडेंस का प्रदर्शन न करें। कभी भी पैर मोड़कर इंटरव्यू में न बैठें। इंटरव्यू देते समय नाखूनों को न चबाएँ। अपना आई कॉन्टेक्ट बनाए रखें।

ड्रेसिंग सेंस का रखें ध्यान :
ड्रेसिंग सेंस भी बहुत महत्वपूर्ण है। आप जिस पोस्ट के लिए इंटरव्यू देने जा रहे हैं, उसी के मुताबिक ड्रेस पहनें। ज्यादा चटकीले रंग की ड्रेस न पहनें। अगर एक्जीक्यूटिव पोस्ट के लिए इंटरव्यू देने जा रहे हैं तो कैजुअल ड्रेस पहनें। मौसम के अनुसार ड्रेस का चयन करें।

हाजिरजवाब बनें :
यह सच है कि बॉडी लैंग्वेज काफी हद तक व्यक्ति के कैरेक्टर और उसके हाव-भाव को दर्शाती है, पर उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है उसकी हाजिरजवाबी। वार्तालाप करते वक्त शरीर का ढीला-ढाला अंदाज आत्मविश्वास की कमी को दर्शाता है और इसी कमी की भरपाई करता है आपका हाजिरजवाब होना।

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एक्‍टि‍व रहें :
इस बात का ध्यान रखें कि सफलता तकदीर से नहीं, तदबीर से मिलती है। सफल लोगों व विद्वानों का भी यही मत रहा है कि मन की शक्ति वालों के सामने सभी नतमस्तक होते है। कर्मयोगी की सदैव पूजा होती है।

अगर व्यक्ति में लगन हो तो वह बड़ी-से-बड़ी चुनौतियों का सामना करते हुए अपने मुकाम तक पहुँच जाता है। जिनके मन में कुछ कर गुजरने की तमन्ना होती है, वे कठिन-से-कठिन काम को आसान बना देते हैं। जो हमेशा क्रियाशील रहते हैं या अपने काम से निरंतर लगाव रखते हैं, वे मुश्किल राहों पर भी सरलता से चलते जाते हैं।

पॉजि‍टि‍व वि‍जन रखें :
सकारात्मक सोच एक ऐसा औजार है जिससे आप कठिन-से-कठिन राह को आसान बना सकते हैं। जो व्यक्ति सकारात्मक सोच के साथ अपने कदम आगे बढ़ाते हैं, उन्हें उनकी मंजिल अवश्य मिलती है। ध्यान रखें, व्यक्ति को पॉजीटिव एटीट्यूड नई ऊर्जा प्रदान करता है इसलिए सकारात्मक सोच के साथ अपना काम करें।

अपने कमजोर पहलुओं को प्रकट न होने दें। हमेशा माहौल को भाँपते हुए अपने आपको एडजस्ट करने की कोशिश करें। विषय ज्ञान अगर न भी हो तो जितनी जानकारी हो उतनी ही दें।

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