कोरोना वायरस का प्रकोप अब धीरे - धीरे कम होने लगा है। लेकिन वायरस के म्यूटेंट होने के बाद यह सभी के लिए खतरा साबित हो रहा है। कोरोना वायरस की थर्ड वेव को लेकर पूरी तरह से तैयारियां जारी है और दावा किया जा रहा है कि हम इससे जरूर लड़ेंगे। लेकिन नवजात शिशु बेहद नाजुक होते है। वह इतने कमजोर होते है कि जन्म होते ही उन्हें बीमारियां हो जाती है। ऐसे में कोविड-19 और भी अधिक खतरनाक है। तो इस हालात में नवजात शिशुओं का कैसे ख्याल रखें? संक्रमित होने पर क्या करें? और अन्य सवालों को लेकर वेबदुनिया ने शिशु रोग विशेषज्ञ और पूर्व डीन डॉ शरद थोरा से विशेष चर्चा की -
डॉ शरद थोरा ने बताया कि, 'गर्भावस्था के दौरान जिन महिलाओं को कोविड हो जाता है, उसे जन्मे बच्चों में संक्रमण होने की आकांक्षा बढ़ जाती है। जो इंफेक्शन नवजात बच्चे में होता है वह जन्म के बाद होता है। जन्म के पहले अगर मां को इंफेक्शन हो जाता है तब बच्चे को खतरा नहीं होता है।' साथ ही प्रेगनेंसी के दौरान अगर किसी महिला को संक्रमण होता है तो उसे हाई रिस्क प्रेगनेंसी कहते हैं। इस दौरान समय से पहले प्रसव होने की रिस्क अधिक होती है। ऐसे में मृत्यु दर बढ़ती है। वहीं प्रीमैच्योर बच्चों में कोविड की वजह से कई लक्षण देखे गए है।
*अगर बच्चा 9 महीने बाद ही होता है तो उसे कोविड का खतरा कम होता है। क्योंकि गर्भ के दौरान बच्चों को संक्रमण नहीं होता है। इस तरह नवजात बच्चे की देखभाल सामान्य तरह से होती है, कोविड-19 को देखते हुए सभी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना है। वायरस जो है वह जन्मजात बच्चों में श्वास के जरिए नहीं पहुंचे।
कोरोना वायरस के दौरान नवजात शिशुओं का कैसे ख्याल रखें?
*इस दौरान मां को डबल मास्क लगाना है, और कोशिश करें की ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान थोड़ा फिजिकल अंतर जरूर रखें। ताकि सांस के द्वारा इंफेक्शन नवजात बच्चों में नहीं पहुंच सकें।
*जब भी बच्चों को संभाले हाथ जरूर धोएं। और उसे अपने गोदी में लेने से पहले साफ बेडशीट का ही इस्तेमाल करें। फीडिंग के बाद बच्चे को अपने पास नहीं रखें। उसे एक झूले में थोड़ी दूरी पर रखें। हालांकि हमारे देश में बच्चा मां के पास ही सोता है लेकिन अभी ऐसा नहीं करें।
*समय से बच्चा होता है तो उसे सभी प्रकार के टीके लगवाए जो नवजात बच्चों को लगाए जाते हैं जैसे बीसीजी, हेपेटाइटिस बी का टीका और पोलियो की दो बूंद दवा पिलाएं ।यह सभी प्रक्रिया फॉलो करें। वहीं अगर प्रीमैच्योर बच्चा होता है तो उन्हें अलग से बेबी केयर रूम में रखा जाता है।
डिलीवरी के बाद वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स से मां को बुखार आ जाता है तो फीडिंग करा सकते हैं या नहीं?
*मां वैक्सीन भी लगवा सकती है, इसमें कोई परेशानी नहीं है। अगर बुखार आता है तो पेरासिटामोल भी ले सकते हैं। इससे बच्चे पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
*कोविड के दौरान मां और बच्चे दोनों का ख्याल रखना जरूरी है। इस दौरान परिवार वालों को भी बार बार रूम में नहीं आने दें । कोविड-19 नियमों का सख्ती से पालन हो।
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