इन 10 स्थानों पर होती है रावण की पूजा

Webdunia
नवरात्रि के बाद दसवें दिन विजयादशमी का त्योहार मनाया जाता है, जिसे दशहरा कहते हैं। इस दिन परंपरा अनुसार रावण के पुतले का दहन कर, असत्य पर सत्य की विजय का पर्व मनाया जाता है। हमारी संस्कृति में भले ही रावण को खलनायक के रूप में देखा जाता हो, लेकिन हमारे ही देश में कुछ स्थान ऐसे भी हैं, जहां रावण का दहन नहीं बल्कि उस‍का पूजन किया जाता है। जी हां, यकीन नहीं होता, तो जानिए रावण के इन 10 मंदिरों के बारे में - 
 

 
1  मंदसौर - मध्यप्रदेश के मंदसौर में रावण को पूजा जाता है। कहा जाता है कि मंदसौर का असली नाम दशपुर था, और यह रावण की धर्मपत्नी मंदोदरी का मायका था। इसलिए इस शहर का नाम मंदसौर पड़ा। चूंकि मंदसौर रावण का ससुराल था, और यहां की बेटी रावण से ब्याही गई थी, इसलिए यहां दामाद के सम्मान की परंपरा के कारण रावण के पुतले का दहन करने की बजाय उसे पूजा जाता है। मंदसौर के रूंडी में रावण की मूर्ति बनी हुई है, जिसकी पूजा की जाती है।

2  उज्जैन - मप्र के उज्जैन जिले के एक गांव में भी रावण का दहन नहीं किया जाता, बल्कि उसकी पूजा की जाती है। रावण का यह स्थान उज्जैन जिले का चिखली गांव है। यहां के बारे में कहा जाता है, कि रावण की पूजा नहीं करने पर गांव जलकर राख हो जाएगा। इसी डर से ग्रामीण यहां रावण दहन नहीं करते और उसकी मूर्ति की पूजा करते हैं।

 
3 अमरावती - महाराष्ट्र के अमरावती में भी रावण को भगवान की तरह पूजा जाता है। यहां गढ़चिरौली नामक स्थान पर आदिवासी समुदाय द्वारा रावण का पूजन होता है। दरअसल आदिवासियों का पर्व फाल्गुन, रावण की खास तौर से पूजा कर मनाया जाता है। कहा जाता है कि यह समुदाय रावण और उसके पुत्र को अपना देवता मानते हैं।

4  बिसरख - यूपी के बिसरख नामक गांव में भी रावण का मंदिर बना हुआ है, जहां उसका पूजन होता है। ऐसा माना जाता है कि बिसरख गांव, रावण का ननिहल था। बिसरख का नाम पहले विश्वेशरा था जो रावण के पिता के नाम पर पड़ा था।
 
 बैजनाथ - हिमाचल प्रदेश में स्थित कांगड़ा जिले का यह कस्बा भी रावण की पूजा के लिए जाना जाता है। यहां के बारे में कहा जाता है, कि रावण ने यहां पर भगवान शिव की तपस्या की थी, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उसे मोक्ष का वरदान दिया था। इसलिए शि‍व के इस भक्त का इस स्थान पर पुतला नहीं जलाया जाता।

6  आंध्रप्रदेश - आंध्रप्रदेश के काकिनाड नामक स्थान पर भी रावण का मंदिर बना हुआ है, जहां भगवान शिव के साथ उसकी भी पूजा की जाती है। यहां पर विशेष रूप से मछुआरा समुदाय रावण का पूजन अर्चन करता है। यहां के लेकर उनकी कुछ और भी मान्यताएं हैं।
 
7  जोधपुर - राजस्थन के जोधपुर में भी रावण का मंदिर और उसकी प्रतिमा स्थापित है। कुछ समाज विशेष के लोग यहां पर रावण का पूजन करते हैं और खुद को रावण का वंशज मानते हैं। इस स्थान को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं। कुछ लोग इसे रावण का ससुराल बताते हैं।

 कनार्टक - कर्नाटक के मंडया जिले के मालवल्ली तालुका नामक स्थान पर रावण का मंदिर बना हुआ है, जहां लोग उसे पूजते हैं। इसके अलावा कर्नाटक के कोलार में भी लोग शिवभक्त के रूप में रावण की पूजा करते हैं।

9  दक्षिण भारत में रावण को विशेष रूप से पूजा जाता है। ऐसा माना जाता है, कि रावण परम ज्ञानी, पंडित, शिवभक्त था। दक्षिण भारत के कुछ स्थानों पर रावण के इन्हीं गुणों के कारण वह पूजा जाता है। वे रावण दहन को दुर्गुणों का दहन मानते हैं।

10  उत्तर प्रदेश के जसवंतनगर में दशहरे पर रावण की आरती उतार कर पूजा की जाती है।  फिर उसे मार-मारकर टुकड़े कर उसके टुकड़े किए जाते हैं। इसके बाद लोग रावण के टुकड़ों को घर ले जाते हैं और तेरहवे दिन रावण की तेरहवीं भी की जाती है।

Show comments

Vasumati Yog: कुंडली में है यदि वसुमति योग तो धनवान बनने से कोई नहीं रोक सकता

Parshuram jayanti 2024 : भगवान परशुराम जयंती पर कैसे करें उनकी पूजा?

मांगलिक लड़की या लड़के का विवाह गैर मांगलिक से कैसे करें?

Parshuram jayanti 2024 : भगवान परशुराम का श्रीकृष्ण से क्या है कनेक्शन?

Akshaya-tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन क्या करते हैं?

Aaj Ka Rashifal: पारिवारिक सहयोग और सुख-शांति भरा रहेगा 08 मई का दिन, पढ़ें 12 राशियां

vaishkh amavasya 2024: वैशाख अमावस्या पर कर लें मात्र 3 उपाय, मां लक्ष्मी हो जाएंगी प्रसन्न

08 मई 2024 : आपका जन्मदिन

08 मई 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त

Akshaya tritiya : अक्षय तृतीया का है खास महत्व, जानें 6 महत्वपूर्ण बातें