दशहरा : पूजन के अभिजित मुहूर्त

रावण-दहन के मुहूर्त जानें

WD Feature Desk
विजयादशमी पर्व
यूँ तो दशहरा अपने आप में शुभ दिन माना गया है। यही वजह है कि इस दिन लोग नवीन वस्त्र, आभूषण, शस्त्र, वाहन तथा ध्वजा की पूजा करते हैं। लेकिन शुभ दिन में भी अगर शुभ मुहूर्त जान लिए जाए तो कार्य सिद्धि के लिए अतिशुभ होता है। इसी तरह रावण दहन के लिए भी शुभ मुहूर्त देखा जाता है। वेबदुनिया धर्म तथा ज्योतिष विशेषज्ञ टीम ने विशेष तौर पर धर्मालुओं के लिए मुहूर्त निकाले हैं।
 
घर में पूजन हेतु मुहूर्त : प्रात: 6.00 बजे से 7.30 तक
(रामरक्षा स्त्रोत, हनुमान चालीसा, आदित्य ह्रदय स्त्रोत,दुर्गा चालीसा एवं सुंदर कांड में से किसी एक का श्रद्धापूर्वक पाठ करें।)
 
वाहन पूजन का मुहूर्त : प्रात: 9.05 से 10.29 तक
( अपने वाहन को धो कर सुंदर सजाएँ। उस पर फूल माला अर्पित करें तथा समस्त देवी-देवता के वाहनों का स्मरण कर, नवग्रहों का स्मरण कर पूजा करें।)
 
अभिजित मुहूर्त : दोपहर 11:30 से 12:30 तक
(यह मुहूर्त सभी प्रकार के कार्य आरंभ करने के लिए हैं। इस मुहूर्त में शुरू किए गए कार्यों में कोई विघ्न नहीं आता। इस मुहूर्त में पूजन कर कोई भी शुभ मनोकामना की जाए तो वह अवश्य ही पूरी होती है।)
 
रावण-दहन का मुहूर्त: दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक रावण-दहन का शुभ मुहूर्त है या सूर्यास्त के बाद प्रदोषकाल में दहन कर सकते हैं।
(रावण-दहन से पूर्व माँ अंबे भवानी और बजरंग बली की आराधना की जानी चाहिए। भगवान श्रीराम की अर्चना की जानी चाहिए। तत्पश्चात श्रीराम के जयघोष के साथ रावण-दहन का कार्य संपन्न करना चाहिए।)

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

शनि मंगल का षडाष्टक योग और खप्पर योग कब तक रहेगा, 4 राशियों को रहना होगा सतर्क

गर्मी में करें ये धार्मिक उपाय, मिलेगी तपती धूप में सकारात्मक ऊर्जा और शांति

राहु के कुंभ राशि में गोचर से देश और दुनिया में होंगे ये 5 बड़े बदलाव

बलूचिस्तान कब तक होगा पाकिस्तान से अलग, जानिए ज्योतिष विश्लेषण

अचला या अपरा एकादशी का व्रत रखने से क्या होता है?

सभी देखें

धर्म संसार

कब से प्रारंभ हो रही है पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा, क्या रहेगा इस बार खास?

Vastu Tips: कामयाबी की ओर बढ़ते कदम: कार्यस्थल पर तरक्की पाने के 10 उपाय

अचला एकादशी व्रत से मिलते हैं ये 8 अद्भुत लाभ

18 मई को 18 साल बाद राहु का कुंभ और केतु का सिंह में गोचर, 5 दिसंबर 2026 तक होगी 5 बड़ी घटनाएं

आध्यात्मिक संत प्रेमानंद महाराज के 10 प्रेरणरदायी विचार