विजयादशमी : विजय की खुशी का पर्व

Webdunia
विजयादशमी केवल एक पर्व मात्र नहीं है। यह प्रतीक है कई सारी बातों का। सच, साहस, अच्छाई, बुराई, निःस्वार्थ सहायता, मित्रता, वीरता और सबसे बढ़कर दंभ जैसे अलग-अलग भले-बुरे तत्वों का प्रतीक।

जहां भले प्रतीकों की बुरे प्रतीकों पर विजय हुई और हर युग के लिए इस आदर्श वाक्य को सीख की तरह लेने की परंपरा बनाई गई।

इसलिए किसी भी युग में अच्छाई की बुराई पर जीत का वाक्य हर वक्त लागू होता है और प्रतिभाशाली होते हुए भी दंभ के कारण बुराई के रास्ते पर जा निकले रावण का प्रतीकात्मक नाश आज भी किया जाता है।

इस मूल वाक्य के अलावा इस पर्व को सामाजिक रूप से मेल-जोल का तथा विजय की खुशी मनाने का प्रतीक भी बना लिया गया। वहीं युद्ध के कारण इसे शस्त्र पूजा से भी जोड़ा गया।

इस तरह यह पर्व रावण के दहन से लेकर शस्त्र पूजन और शमी के पत्ते बांटने तक कई रूपों में सामने आता है।
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

इजराइल- ईरान युद्ध के बीच बाबा वेंगा की इस भविष्यवाणी से डर गई है दुनिया

क्या पहले होती थी जगन्नाथ पुरी में प्रभु श्रीराम की पूजा?

जगन्नाथ यात्रा के बाद रथ का क्या होता है, क्या आपको मिल सकते हैं रथ के पवित्र हिस्से

साल 2025 के पहले सूर्य ग्रहण से मची तबाही और अब लगने वाला है दूसरा सूर्य ग्रहण

138 दिन तक शनि की उल्टी चाल, युद्ध से होगा दुनिया का बुरा हाल, बचकर रहे 5 राशियां

सभी देखें

धर्म संसार

24 जून 2025 : आपका जन्मदिन

24 जून 2025, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

भविष्यवाणी: 7 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच बचकर रहें, विमान से संबंधित घटना के बन रहे हैं योग

7 अक्टूबर के पहले भारत को करना होंगे ये 7 कार्य वर्ना मुश्किल में होगा भविष्य

हलहारिणी अमावस्या के दिन करें 5 उपाय, जीवन होगा खुशहाल