दशहरा : दशानन रावण के बारे में 25 जाने-अनजाने तथ्य

Webdunia
शनिवार, 1 अक्टूबर 2022 (16:11 IST)
शारदीय नवरात्रि के बाद दशमी को दशहरे का पर्व मनाया जाता है। इस दिन रावण का दहन होता है। दशहरा अश्‍विन माह की दशमी को मनाते हैं। इस दिन श्रीराम ने रावण का वध कर दिया था। रावण को महान पं‍डित मना गया है, क्योंकि वह वेद शास्त्र का ज्ञाता था। आओ जानते हैं दशानन रावण के बारे में 25 अनजाने और रोचक तथ्य।
 
1. एक शोधानुसार भगवान श्रीराम का जन्म 5,114 ईस्वी पूर्व हुआ था। उन्हीं के काल में रावण था। रावण शब्द का अर्थ होता है दूसरों को रुलानेवाला। परंतु आदिवासी सभ्यता के अनुसार रावण यानी राजा। राम तो बहुत मिल जाएंगे, लेकिन रावण नाम का दूसरा कोई नहीं मिलेगा।
 
2. कहते हैं कि रावण के 7 भाई थे जिनके नाम ये हैं- कुबेर, विभीषण, कुम्भकरण, अहिरावण, महिरावण, खर और दूषण। इसमें से विभीषण, कुंभकरण उसके सगे भाई थे।
 
3. रावण की दो बहने थीं। एक सूर्पनखा और दूसरी कुम्भिनी। कुम्भिनी मथुरा के राजा मधु राक्षस की पत्नी थी और राक्षस लवणासुर की मां थीं। खर, दूषण, कुम्भिनी, अहिरावण और कुबेर रावण के सगे भाई बहन नहीं थे।
 
4. कुबेर को बेदखल कर रावण के लंका में जम जाने के बाद उसने अपनी बहन शूर्पणखा का विवाह कालका के पुत्र दानवराज विद्युविह्वा के साथ कर दिया।
 
5. रावण एक कुशल राजनीतिज्ञ, सेनापति और वास्तुकला का मर्मज्ञ होने के साथ-साथ बहु-विद्याओं का जानकार था।
 
6. से मायावी इसलिए कहा जाता था कि वह इंद्रजाल, तंत्र, सम्मोहन और तरह-तरह के जादू जानता था। 
 
7. रावण के पास बहुत सारे विमान थे जिसमें से एक था पुष्पक। 
 
8. जैन शास्त्रों में रावण को प्रति‍-नारायण माना गया है। जैन धर्म के 64 शलाका पुरुषों में रावण की गिनती की जाती है।
 
9. रावण की तीन पत्नियां थीं- रावण की पहली पत्नी का नाम मंदोदरी था जोकि राक्षसराज मयासुर की पुत्री थीं। दूसरी का नाम धन्यमालिनी था और तीसरी का नाम अज्ञात है। ऐसा भी कहा जाता है कि रावण ने उसकी हत्या कर दी थी। दिति के पुत्र मय की कन्या मंदोदरी उसकी मुख्‍य रानी थी जो हेमा नामक अप्सरा के गर्भ से उत्पन्न हुई थीं। 
 
10. मंदोदरी से रावण को जो पुत्र मिले उनके नाम हैं- इंद्रजीत, मेघनाद, महोदर, प्रहस्त, विरुपाक्ष भीकम वीर। कहते हैं कि धन्यमालिनी से अतिक्या और त्रिशिरार नामक दो पुत्र जन्में जबकि तीसरी पत्नी के प्रहस्था, नरांतका और देवताका नामक पुत्र थे।
11. रावण ने अपनी पत्नी की बड़ी बहन माया पर भी वासनायुक्त नजर रखी। माया के पति शंभर को जब यह पता चला तो उसने रावण को बंदी बना लिया था। तभी उसी समय शंभर पर राजा दशरथ ने आक्रमण कर दिया। इस युद्ध में शंभर की मृत्यु हो गई। जब माया सती होने लगी तो रावण ने उसे अपने साथ चलने को कहा। तब माया ने कहा कि तुमने वासनायुक्त होकर मेरा सतित्व भंग करने का प्रयास किया। इसलिए मेरे पति की मृत्यु हो गई, अत: तुम्हारी मृत्यु भी इसी कारण होगी।
 
12. विश्व विजय करने के लिए जब रावण स्वर्गलोक पहुंचा तो उसने वहां कामातुर होकर अप्सरा रंभा को पकड़ लिया। यह बात जब नलकुबेर को पता चली तो उसने रावण को शाप दिया कि आज के बाद रावण बिना किसी स्त्री की इच्छा के उसको स्पर्श नहीं कर पाएगा और यदि करेगा तो उसका मस्तक सौ टुकड़ों में बंट जाएगा।
 
13. एक बार वेदवती नाम की एक स्त्री भगवान विष्णु को पति रूप में पाने के लिए तपस्या कर रही थी। रावण उसे देखकर मोहित हो गया और उसने उसके बाल पकड़े और अपने साथ चलने को कहा। उस तपस्विनी ने उसी क्षण अपनी देह त्याग दी और रावण को शाप दिया कि एक स्त्री के कारण ही तेरी मृत्यु होगी।
 
14. ब्रह्माजी के पुत्र पुलस्त्य ऋषि हुए। उनका पुत्र विश्रवा हुआ। विश्रवा का पुत्र रावण था। इस तरह ब्रह्माजी रावण के परदादा थे। रावण की माता का नाम कैकसी था जो दैत्यराज सुमाली की पुत्री थीं। सौतेली माता का नाम देवांगना था जो ऋषि भारद्वाज की पुत्र थी। देवांगना के पुत्र का नाम कुबेर था।
 
15. कहते हैं कि रावण अपने पिछले जन्म में हिरण्याक्ष था और उसके पहले वह श्रीहरि विष्णु के पार्षद जय और विजय में से कोई एक था।
 
16. रावण का बचपन हर तरह की शिक्षा और विद्याएं सिखने में बिता। बाल्यकाल में ही रावण चारों वेदों का ज्ञात बन गया था। इसके अलावा उसने आयुर्वेद, ज्योतिष और तंत्र विद्या में भी महारत हासिल कर ली थी। 
 
17. युवा होते ही वह कठोर तपस्या करने के लिए जंगलों में चला गया। वह जानता था कि ब्रह्माजी उसके परदादा हैं, इसलिए उसने पहले उनकी घोर तपस्या की और कई वर्षों की तपस्या से प्रसन्न होने के बाद ब्रह्माजी ने उसे वरदान मांगने को कहा, तब रावण ने अजर–अमर होने का वरदान मांगा। ब्रह्माजी ने कहा मैं यह नहीं दे सकता लेकिन तुम्हें कई तरह की शक्तियां प्रदान कर सकता हूं। तुम ज्ञानी हो इसलिए समझने का प्रयास करो। रावण ने स्वीकार कर लिया और वह कई तरह की शक्तियां लेकर चला गया। बाद में उसने भगवान शिव की घोर तपस्या की। 
18. रावण शिव भक्त था। रावण ने शिव तांडव स्तोत्र की रचना करने के अलावा अन्य कई तंत्र ग्रंथों की रचना की। रावण संहिता नाम से उसका लिखित ग्रंथ आज भी प्रचलित है। नाड़ी परीक्षा का ज्योतिष और आयुर्वेद का ग्रंथ भी उसी ने लिखा था। रावण के कुल 13 ग्रंथ लिखे थे। 
 
19. वण ने सुंबा और बालीद्वीप को जीतकर अपने शासन का विस्तार करते हुए अंगद्वीप, मलयद्वीप, वराहद्वीप, शंखद्वीप, कुशद्वीप, यवद्वीप और आंध्रालय पर विजय प्राप्त की थी। इसके बाद रावण ने कुबेर से लंका को छीन लिया था। आज के युग अनुसार रावण का राज्य विस्तार, इंडोनेशिया, मलेशिया, बर्मा, दक्षिण भारत के कुछ राज्य और श्रीलंका पर रावण का राज था।
 
20. रावण के दस सिर नहीं थे किंतु वह दस सिर होने का भ्रम पैदा कर देता था इसी कारण लोग उसे दशानन कहते थे। जैन शास्त्रों में उल्लेख है कि रावण के गले में बड़ी-बड़ी गोलाकार नौ मणियां होती थीं। उक्त नौ मणियों में उसका सिर दिखाई देता था जिसके कारण उसके दस सिर होने का भ्रम होता था। हालांकि रावण के बारे में एक अन्य प्रसंगानुसार जब रावण की घायल बहन शूर्पनखा रावण की राज्य सभा में जाती है, तो वाल्मीकि लिखते हैं कि रावण मंत्रियों से घिरा बैठा था। "उसके बीस भुजाएं और दस मस्तक थे।" विंशद्भुजं दशग्रीवं दर्शनीयपरिच्छदम् (वा.रा।) इसी तरह जब हनुमान को बंदी बनाकर रावण की मंत्री परिषद के सामने पेश किया जाता है, तब हनुमान देखते हैं कि रावण के दस सिर हैं- शिरोभिर्दशभिर्वीरं भ्राजमानं महौजसम् (वा. रा. 5/49/6)। किन्तु, यह बताना महत्वपूर्ण है कि इससे ठीक पहली रात को जब सीता की खोज कर रहे हनुमान रावण के अन्तःपुर में घुसते हैं, और रावण को पहली बार देखते हैं, तो वहां स्पष्ट रूप में, बिना किसी भ्रम के, शयन कक्ष में सो रहे रावण का एक सिर और दो हाथ ही देखते हैं (वा. रा. 5/10/15)।
 
21. रावण के मंत्री : 1.कुंभकर्ण (भाई), 2.विभीषण (भाई), 3.महापार्श्व (भाई), 4.महोदर (भाई), 5.इंद्रजित (बेटा), 6.अक्षयकुमार (बेटा), 7.माल्यवान (नाना का भाई), 8.विरूपाक्ष (माल्यवान का बेटा, रावण का सचिव), और 9.प्रहस्त (मामा, प्रधान मंत्री)
 
22. रावण 7 असंभव कार्य करता चाहता था। पहला स्वर्ग तक सीढ़ियां बनाना, दूसरा स्वर्ण को सुगंधित बनाना, तीसरा मदिरा को गंधहीन बनाना, चौथा हर व्यक्ति को गोरा करना, पांचवां सभी मेरी पूजा करें, छठा खून का रंग सफेद करना और सातवां समुद्र के पानी को मीठा करना।
 
23. रावण अपने परिवार से प्रेम करता था सिर्फ विभीषण ने ही उसे धोखा दिया। रावण कहता था कि यदि लक्ष्मण की तरह मेरा भी भाई होता तो मुझे कोई हरा नहीं सकता था। 
 
24. सहस्त्रबाहु अर्जुन और सुग्रीव के भाई बाली ने रावण को हराकर उसे बंदी बना लिया था। लेकिन बाद में रावण की इन्हीं से मित्रता हो गई थी। रावण तीनों लोक पर राज करना चाहता था। उसके पुत्र मेघनाद ने उसकी यह इच्छापूर्ण कर दी थी। 
 
25. कहते हैं कि श्रीलंका में आज भी रावण का शव सुरक्षित रखा हुआ है।  मान्यता के अनुसार रैगला के जंगलों के बीच एक विशालकाय पहाड़ी पर रावण की गुफा है। रैगला के घने जंगलों और गुफाओं में कोई नहीं जाता है, क्योंकि यहां जंगली और खूंखार जानवरों का बसेरा है। इसी गुफा में रावण का शव रखा हुआ है। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

23 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

23 नवंबर 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

Vrishchik Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: वृश्चिक राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

हिंदू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष माह की 20 खास बातें

Kaal Bhairav Jayanti 2024: काल भैरव जयंती कब है? नोट कर लें डेट और पूजा विधि

अगला लेख