विजयादशमी (दशहरे) पर वाहन-पूजन करना कितना उचित?

पं. हेमन्त रिछारिया
हमारे सनातन धर्म में अनेक ऐसी परंपराएं है जिनका मूल स्वरूप वर्तमान में खो गया है और अब वे परंपराएं बिना विचारे रुढ़ रूप में प्रचलन में आ रही हैं। 
 
विजयादशमी से जुड़ी ऐसी एक परंपरा है जिसका वास्तविक स्वरूप पूर्णरूपेण परिवर्तित हो चुका है, वह है दशहरे के दिन अपने वाहनों को धोना एवं उनकी पूजा करना। दरअसल विजयादशमी का पर्व असत्य पर सत्य की विजय का पर्व है। विजयादशमी के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने रावण वध कर लंका पर विजय ध्वज फहराया था। 
 
लंका विजय के उपरांत प्रभु श्रीराम ने युद्ध में सहयोगी व सहभागी रहे समस्त जड़ व चेतन को धन्यवाद देकर उनका आभार प्रकट किया था। सनातन धर्म हमें कृतज्ञता की शिक्षा देता है। जो भी हमारे जीवन में किसी ना किसी प्रकार सहयोगी हो उसके प्रति हमें कृतज्ञ होना चाहिए, कृतघ्नता अधर्म है। 
 
इसी उद्देश्य को दृष्टिगत रखते हुए इस परंपरा का प्रारंभ हुआ जिसमें युद्ध में प्रयुक्त होने वाले समस्त संसाधनों की पूजा-अर्चना की जाने लगी जैसे रथ, अश्व, शस्त्र, इत्यादि। आज हम जो अपने वाहनों की पूजा करते हैं वह प्रकारांतर से उसी 'रथ-पूजन' का पर्याय मात्र है। 
 
यहां हमारा आशय यह कदापि नहीं कि दशहरे के दिन आप अपने वाहनों को धोकर उनकी पूजा-अर्चना ना करें अपितु यहां उद्देश्य केवल इतना है कि यदि किसी कारणवश आप ऐसा ना कर पाएं तो अपराधबोध से ग्रस्त ना हों क्योंकि विजयादशमी के दिन युद्ध में प्रयुक्त होने वाले वाहनों की पूजन का महत्व है; जैसे सेना के वाहन, पुलिस विभाग के वाहन आदि, आवागमन के साधन के रूप में प्रयुक्त होने वाले वाहनों का नहीं। 
 
प्राचीनकाल में रथ-पूजन, अश्व-पूजन, शस्त्र-पूजन कर इस परंपरा निर्वाह किया जाता था, वर्तमान में इस परंपरा का स्वरूप परिवर्तित होकर वाहन-पूजन के रूप में हमें दिखाई देता है, इसमें कोई बुराई नहीं किंतु हमें अपनी मूल परंपराओं का ज्ञान अवश्य होना चाहिए।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com
ALSO READ: Dussehra : विजयादशमी के दिन करें 1 खास उपाय और पाएं संकटों से मुक्ति

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया से शुरू होंगे इन 4 राशियों के शुभ दिन, चमक जाएगा भाग्य

Astrology : एक पर एक पैर चढ़ा कर बैठना चाहिए या नहीं?

Lok Sabha Elections 2024: चुनाव में वोट देकर सुधारें अपने ग्रह नक्षत्रों को, जानें मतदान देने का तरीका

100 साल के बाद शश और गजकेसरी योग, 3 राशियों के लिए राजयोग की शुरुआत

Saat phere: हिंदू धर्म में सात फेरों का क्या है महत्व, 8 या 9 फेरे क्यों नहीं?

Shiv Chaturdashi: शिव चतुर्दशी व्रत आज, जानें महत्व, पूजा विधि और मंत्र

Aaj Ka Rashifal: आज किसे मिलेगा करियर, संपत्ति, व्यापार में लाभ, जानें 06 मई का राशिफल

06 मई 2024 : आपका जन्मदिन

06 मई 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Forecast May 2024 : नए सप्ताह का राशिफल, जानें किन राशियों की चमकेगी किस्मत (06 से 12 मई तक)

अगला लेख