कुछ स्थानों पर इसी दिन घर लौटने के पश्चात अपने परिचितों तथा रिश्तेदारों के घर शमी के पत्तों के साथ शुभकामनाएं देने जाते हैं। मिलने वाले को शमी के पत्ते देकर उसके घर में सुख-समृद्धि तथा खुशियां आने की कामना की जाती है।
इसके अलावा इस दिन घरों में अथवा संस्थानों में शस्त्र पूजा भी की जाती है ताकि बल में और वृद्धि हो तथा संकट के समय वे शस्त्र रक्षा हेतु काम आ सकें। कई जगहों पर दशहरे के अगले दिन 'बासी दशहरा मिलन' की परंपरा भी है।