दशहरा : खुद पर नियंत्रण पाने का पर्व

Webdunia
- ज्योत्स्ना भोंडवे
FILE


नवरात्रि के बाद आता है 'दशहरा'। विजय पर्व यानी दशहरा। विजय के लिए ज्ञान, धन और शक्ति इन तीन गुणों की जरूरत होती है। जिसके बगैर विजय संभव नहीं। नवरात्रि की नौ रात्रि में ही इन तीन गुणों की प्राप्ति की जाती है।

हिन्दुस्तानी समाज में तंत्र शास्त्र और विज्ञान में नवरात्रि का विशेष महत्व है। संख्या शास्त्र के मुताबिक 9 यह संख्या कभी नष्ट नहीं होती और 3 व 6 के अलावा और किसी संख्या से विभाजित नहीं होती। नवरात्रि के तीन भाग किए जाते हैं।

पहला- ज्ञानरात्रि, दूसरा- अर्थरात्रि, तीसरा- शक्तिरात्रि। जिंदगी में कामयाबी और जीत हासिल करने के लिए ज्ञान, अर्थ और शक्ति तीनों ही महत्वपूर्ण हैं।

पहली तीन रात्रि यानी ज्ञानरात्रि में अज्ञान का नाश और ज्ञान की वृद्धि होती हैं। इन तीन दिनों में आप आत्मशक्ति का अहसास करते हैं। ये दिन विद्यार्थी व शिष्यों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

अगली तीन रात्रि यानि अर्थरात्रि। जिसमें धन, संपत्ति और भौतिक सुखों की वृद्धि होती है। धन प्राप्ति संबंधी कार्य किए जाते हैं। इस दौरान लक्ष्मी उपासना व साधना से मनोकामना पूर्ण होती है। लक्ष्मी जप व पाठ करने से अतिशीघ्र फल की प्राप्ति होती है।

आखिरी तीन रात्रि शक्तिरात्री (यदि विचारों में हो तो अधिक बेहतर है) जब शक्ति से संबंधित कार्यसिद्ध होते हैं। सप्तमी, अष्टमी और नवमी इन तीन दिनों को मोक्ष रात्रि भी कहते हैं। जिसमें क्षमता, सामर्थ्य और शक्ति की वृद्धि होती है।

इसके उपरांत मनाते हैं 'दशहरा', 10 जो जोड़ का अंक है। अज्ञानतावश हम इसे रावण से जोड़ कर देखते हैं जो सरासर गलत है। यहां 'दस' यानी पांच कर्मेद्रियाँ व पांच ज्ञानेद्रिंयां हैं। इन इंद्रियों पर जीत हासिल कर हमें अपनी शक्ति व क्षमता को आंकते विजय हासिल करना चाहिए।

अतः विजयादशमी का मुख्य संदेश है खुद पर नियंत्रण। नवरात्रि यानी 'समृद्धि की ओर ले जाने वाला समय' और इस विजयी दौर का आगमन यानी 'दशहरा'।

वेबदुनिया पर पढ़ें

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

महाशिवरात्रि विशेष : शिव पूजा विधि, जानें 16 चरणों में

महाकुम्भ में अघोरी बाबा को मिली रशियन, अनोखी प्रेम कहानी को देख क्या कह रहे हैं लोग

प्रयागराज कुंभ मेले में स्नान करने जा रहे हैं तो इन 5 जगहों के दर्शन अवश्य करें

Shukra Gochar 2025: शुक्र का मीन राशि में 123 दिन के लिए गोचर, जानिए 12 राशियों का राशिफल

Mahashivratri 2025 Date: महाशिवरात्रि कब है, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

सभी देखें

धर्म संसार

11 फरवरी 2025 : आपका जन्मदिन

11 फरवरी 2025, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

ममता कुलकर्णी ने दिया किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा, जानिए क्या बोलीं

lalita jayanti 2025: ललिता जयन्ती पर जानिए माता की पूजा का महत्व और पूजन मुहूर्त

Magh purnima 2025: पितृदोष से मुक्ति का सबसे बड़ा दिन माघ पूर्णिमा, मात्र 2 उपाय करें