कुरआने पाक नाजिल की मुकद्दस रात-26

प्रस्तुति : अजहर हाशमी

Webdunia
ND
जिस दिन छब्बीसवाँ रोजा होता है, उस तारीख़ को माहे-रमजान की सत्ताईसवीं रात होती है। इस रात को ही अमूमन शबे-कद्र (अल्लाह की मेहरबानी की खास रात) शुमार किया जाता है।

हालाँकि हदीसे-नबवी में जिक्र है कि शबे-कद्र को रमजान के आखिरी अशरे (अंतिम कालखंड) की ताक रातों (विषम संख्या वाली रातें) जैसे 21वीं, 23वीं, 25वीं, 27वीं, 29वीं रात में तलाश करो, लेकिन हजरत उमर और हजरत हुजैफा (रजियल्लाहु अन्हुम) और असहाबे-रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) में से बहुत से लोगों को यकीन था कि रमजान की सत्ताईसवीं रात ही शबे-कद्र है।

सवाल यह उठता है कि शबे-कद्र क्या है? शब के मा'नी है रात, कद्र के मा'नी है इज्जत। शबे-कद्र यानी ऐसी शब (रात) जो कद्र (इज्जत, सम्मान) वाली है। माहे-रमजान के आखिरी अशरे में ही शबे-कद्र यानी इज्जत और अजमत वाली ये रात आती है।

अब दूसरा सवाल यह पेश आता है कि शबे-कद्र की ऐसी क्या ख़ासियत है कि इसे इतनी अहमियत हासिल है? इसका जवाब यह कि जिस तरह नदियों में कोई नदी बहुत खास होती है, पहाड़ों में कोई पहाड़ बहुत खास होता है, परिंदों (पक्षियों) में कोई परिंदा बहुत खास होता है, दरख्तों (वृक्ष) में कोई दरख्त बहुत खास होता है, दिनों में कोई दिन बहुत खास होता है वैसे ही रातों में कोई रात बहुत खास होती है।

रमजान के माह में शबे-कद्र ऐसी ही खास और मुकद्दस (पवित्र) रात है जिसमें अल्लाह ने हजरत मोहम्मद (सल्ल.) के जरिए से कुरआने-पाक की सौग़ात दी। मजहबे-इस्लाम की पाकीजा किताब-कुरआने-पाक दरअसल तमाम दुनिया और इंसानियत के लिए रहनुमाई, रौनक और रहमत की रोशनी तो है ही, समाजी जिंदगी का पाकीजा आईन (विधान) भी है। कुरआने-पाक के तीसवें पारे (अध्याय-30) की सूरह 'कद्र' की पहली आयत में जिक्र है 'इन्ना अन्जल्नाहु फ़ी लैलतिल कद्र' यानी 'यकीनन हमने इसे (कुरआन को) शबे-कद्र में नाजिल किया।

शबे-कद्र हजार महीनों से ज्यादा बेहतर है। शबे-कद्र में सच्चे दिल से इबादत करने से मिलती है अल्लाह की रहमत और इनायत।

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

क्या नजर लगने से बिगड़ने लगते हैं काम? जानिए प्रेमानंद महाराज ने क्या बताई सच्चाई

नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी, इस घटना से होगी तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत

जगन्नाथ रथयात्रा 2025: क्या है जगन्नाथ मंदिर का इतिहास, कितना प्राचीन है यह मंदिर?

12 साल बाद मिथुन में गुरु और सूर्य की युति पर राहु की नजर से होगा 3 राशियों को लाभ, 5 राशियों को नुकसान

जगन्नाथ रथयात्रा 2025: कैसे करें घर में प्रभु श्री जगन्नाथ की पूजा, जानिए शुभ मुहूर्त और विधि

सभी देखें

धर्म संसार

गुप्त नवरात्रि में कौन से मंत्र पढ़ने चाहिए?

26 जून से प्रारंभ होगी गुप्त नवरात्रि, जानें घट स्थापना के मुहूर्त, कैसे करें देवी आराधना और लग्नानुसार फल

Kanwar Yatra 2025 : कावड़ यात्रा में जा रहे हैं तो जान लीजिए 10 प्रमुख नियम

शुक्र का वृषभ राशि में गोचर, 4 राशियों के लिए रहेगा बेहद शुभ

कब से शुरू होगी आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि, क्या है इसकी पूजा का मुहूर्त