Ekadashi Kab Hai : नवंबर माह में आ रही है 3 एकादशी, जानिए तिथि मुहूर्त और सरल पूजा विधि

Webdunia
Ekadashi Kab Hai : हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। एकादशी व्रत करने से मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में दो बार एकादशी तिथि आती है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। साल में कुल 24 एकादशी आती हैं। नवंबर माह में 3 एकादशी आ रही हैं। नवंबर में कार्तिक मास के कृष्ण, शुक्ल पक्ष की एकादशी और मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी आ रही हैं। आइए जानते हैं....

ekadashi 1 नवंबर, रमा एकादशी-
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को रमा एकादशी के नाम से जाना जाता है।
एकादशी तिथि प्रारम्भ - 31 अक्टूबर 2021 को दोपहर 02:27 बजे
एकादशी तिथि समाप्त -01 नवम्बर 2021 को दोपहर 01:21 बजे
सोमवार को मनाई जाएगी रमा एकादशी, जानिए कैसे करें पूजन और क्या है कथा
ekadashi 14 नवंबर, देवउठनी एकादशी
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को देवउठनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं। इसी दिन से सभी तरह के मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं।
 
कार्तिक, शुक्ल एकादशी प्रारम्भ -  14 नवम्बर सुबह 05:48 , 
कार्तिक, शुक्ल एकादशी समाप्त - 15 नवम्बर सुबह 06:39

ALSO READ: एकादशी के दिन क्यों नहीं खाते हैं चावल?

ekadashi 30 नवंबर, उत्पन्ना एकादशी-
मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है।
 
मार्गशीर्ष, कृष्ण एकादशी प्रारम्भ -  30 नवम्बर  सुबह 04:13
मार्गशीर्ष, कृष्ण एकादशी समाप्त - 01 दिसम्बर अर्धरात्रि 02:13 
ALSO READ: एकादशी पर क्या खाएं और क्या नहीं, जानिए

ekadashi एकादशी की सरल पूजा-विधि
 
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।
भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
भगवान की आरती करें।
भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं।
इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।
इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें। भजन और मंत्र जाप करें....
ALSO READ: 12 माह में कौन-कौन सी एकादशी आती है, जानिए

 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

5 जुलाई को लेकर क्यों जापान के लोगों में दहशत, क्या नए बाबा वेंगा की भविष्यवाणी से डर गई है जापानी सरकार

मंगल के सिंह राशि में गोचर से 3 राशि के लोगों को रहना होगा संभलकर

अद्भुत... अलौकिक...अविस्मरणीय! कैसा है श्रीराम दरबार, जानिए इसकी अनोखी विशेषताएं

नीम में शक्ति है शनि और मंगल को काबू में करने की, 10 फायदे

जगन्नाथ मंदिर जाने का बना रहे हैं प्लान तो वहां जाकर जरूर करें ये 5 कार्य

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: 11 जून, आज इन 3 राशियों को मिलेगी हर क्षेत्र में सफलता, पढ़ें बाकी राशियां

11 जून 2025 : आपका जन्मदिन

क्या आप जानते हैं चातुर्मास के समय क्यों योग निद्रा में चले जाते हैं भगवान विष्णु, नहीं होते मांगलिक कार्य

हनुमानजी की इन 5 तरीकों से भक्ति करने से दूर होगा गृह कलेश

11 जून 2025, बुधवार के शुभ मुहूर्त

अगला लेख