होली से पहले आती है रंगभरी एकादशी, भोलेनाथ खेलते हैं मां पार्वती के साथ होली

Webdunia
शनिवार, 12 मार्च 2022 (16:04 IST)
Rangbhari Ekadashi 2022: फाल्गुन मास (Phalguna Month) के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रंगभरी एकादशी कहते हैं। यह एकादशी होली के पूर्व आती है। होलिका दहन 17 मार्च की पूर्णिमा की रात में है और रंगभरी एकादशी 14 मार्च को रहेगी। मान्यता अनुसार इस दिन भगवान भोलेनाथ एवं माता पार्वती अपने गणों के साथ होली खेलते हैं।
 
 
होली के पूर्व एकादशी के दिन शिव और पार्वती रंग और गुलाल से होली खेलते हैं इसीलिए इसे रंगभरी एकादशी कहते हैं। आमलकी एकादशी के दिन भगवान शिव की नगरी काशी में उनका विशेष श्रृंगार पूजन होता है और उनको दूल्हे के रूप में सजाते हैं। इसके बाद बाबा विश्वनाथ जी के साथ माता पार्वती का गौना कराया जाता है। मान्यतानुसार इस दिन भगवान शिव माता पार्वती और अपने गणों के साथ रंग-गुलाल से होली खेलते हैं। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती के वैवाहिक जीवन से संबंध रखता है। 
 
Shiv Parvati
मान्यता के अनुसार फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी अर्थात महाशिवरात्रि पर शिव और पार्वती का विवाह हुआ था और फाल्गुन शुक्ल रंगभरी एकादशी के दिन भगवान शिव माता पार्वती को विवाह के बाद पहली बार काशी लेकर लाए थे। इस उपलक्ष्य में भोलेनाथ के गणों ने रंग-गुलाल उड़ाते हुए खुशियां मनाई थीं। तब से प्रति वर्ष रंगभरी एकादशी को काशी नगरी में बाबा विश्वनाथ रंग से होली खेलते हैं और माता गौरी का गौना कराया जाता है। इस दिन बाबा विश्वनाथ मां पार्वती के साथ नगर भ्रमण करते हैं और पूरा नगर लाल गुलाल से सरोबार हो जाता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी, तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत और खत्म होने का समय, जानिए क्या होगा इस युद्ध में

21 जून को साल के सबसे लंबे दिन पर करें ये 8 विशेष उपाय

महाभारत काल और दूसरे विश्‍व युद्ध के जैसे ग्रह संयोग, कैलेंडर भी कर रहा है मैच, क्या जीत जाएंगे हम ये जंग?

क्या लुप्त हो जाएंगे केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम! क्या सच होने वाली है स्कंदपुराण की भविष्यवाणी

वर्ष का सबसे लंबा दिन 21 जून को, जानें कारण और महत्व

सभी देखें

धर्म संसार

21 जून 2025 : आपका जन्मदिन

21 जून 2025, शनिवार के शुभ मुहूर्त

इजराइल- ईरान युद्ध के बीच बाबा वेंगा की इस भविष्यवाणी से डर गई है दुनिया

क्या पहले होती थी जगन्नाथ पुरी में प्रभु श्रीराम की पूजा?

Aaj Ka Rashifal: 20 जून, आज इन 4 राशियों के सपने होंगे पूरे, पढ़ें बाकी राशियों का भविष्य क्या कहता है?

अगला लेख