हरिशयनी एकादशी 10 जुलाई को, देवशयनी, पद्मा, पद्मनाभ एकादशी के 11 लाभ

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Devshayani ekadashi 2022: आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी इसलिए कहते हैं क्योंकि इस दिन से चार माह के लिए श्रीहरि विष्णु योगनिद्रा में सो जाते हैं। इसीलिए इसे हरिशयनी और पद्मनाभ एकादशी भी कहते हैं। इस एकादशी के व्रत को विधवत रूप से करने के 11 लाभ जानिए।
 
1. देवशयनी एकादशी से चातुर्मास प्रारंभ हो जाता है। इस दौरान सभी धाम ब्रज में आ जाते हैं। इसलिए इस दौरान ब्रज की यात्रा बहुत शुभकारी होती है।
 
2. देवशयनी एकादशी व्रत करने और इस दिन भगवान श्रीहरि की विधिवत पूजन से सभी प्रकार के पापों का नाश होता है। 
 
3. देवशयनी एकादशी का व्रत रखने से सारी परेशानियां खत्म हो जाती हैं। 
 
4. देवशयनी एकादशी का व्रत रखने से मन शुद्ध होता है, सभी मानसिक विकार दूर हो जाते हैं।
 
5. देवशयनी एकादशी का व्रत करने से सिद्धि प्राप्त होती है।
 
6. यह व्रत सभी उपद्रवों को शांत कर सुखी बनाता है और जीवन में खुशियों को भर देते हैं।
 
7. एकादशी के विधिवत व्रत रखने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।
 
8. इस व्रत को करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और कथा सुनने से सभी तरह के संकट कट जाते हैं।
 
9. इस व्रत को करने से शरीरिक दु:ख दर्द बंद हो जाते हैं और सेहत संबंधी लाभ मिलता है और व्यक्ति निरोगी होता है।
 
10. इस दौरान विधिवत व्रत रखने से पुण्य फल की प्राप्त होती है। इस दिन तुलसी और शालिग्राम की विधिवत रूप से पूजा और अर्चना करना चाहिए।
 
11. देवशयनी एकादशी का व्रत सब व्रतों में उत्तम है। इस व्रत के करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। यदि धनलाभ की इच्छा है तो श्रीहरि विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा करें।

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