devshayani ekadashi muhurat : जानिए देवशयनी एकादशी का पूजा और पारण शुभ मुहूर्त

Webdunia
एकादशी का पूजा और पारण शुभ मुहूर्त
 
एकादशी तिथि प्रारंभ- 30 जून शाम 7:49 बजे
 एकादशी तिथि समाप्त - एक जुलाई शाम 5:29 बजे
 व्रत अनुष्ठान - उदयातिथि का मान होने से 1 जुलाई को व्रत धारण किया जाएगा। 
व्रत पारण कब - 2 जुलाई सुबह 5:27 बजे से 8:14 बजे के बीच।
एकादशी चंद्र मास में आने वाली ग्यारहवीं तिथि होती है। हर माह दो एकादशी होती है। शुक्ल पक्ष की एकादशी और शुक्ल पक्ष की एकादशी। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी देवशयनी एकादशी कहते हैं। देवशयनी एकादशी को हरिशयनी और पदमा एकादशी भी कहा जाता है।
 
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ी जून या जुलाई के महीने में आती है। इस वर्ष यानी साल 2020 में देवशयनी एकादशी 1 जुलाई बुधवार को है। आषाढ़ शुक्ल एकादशी से कार्तिक एकादशी चार माह का समय देवशयन का काल माना जाता है। वर्षा के इन चार माह को चातुर्मास कहा जाता है।
 
इसके दौरान जितने व्रत, उपावस, आराधना, जप तप किए जाते हैं। यह भगवान विष्णु का शयनकाल होता है। पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु चार मास के लिए शयन के लिए चले जाते हैं। भगवान विष्णु 4 मास के लिए शयन निद्रा में होते हैं इसलिए इन दिनों विवाह शुभ मुहूर्त वर्जित माने जाते हैं।
 
देवशयनी एकादशी पूजा विधि
 
एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की आराधना की जाती है। 
 
देवशयनी एकादशी का शयन प्रारंभ होने से पहले बड़े बड़ी विधान से पूजा करने का महत्व है। 
 
इस दिन श्रद्धालु भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। 
 
जो देवशयनी एकादशी का व्रत रखते हैं उन्हें प्रातकाल उठकर स्नान करना चाहिए। 
 
पूजा स्थल को साफ करने के बाद प्रतिमा को आसन पर विराजमान कर को पीले फूल, पीले वस्त्र और चंदन चढ़ाएं। उनके हाथों में पदम, शंख चक्र और गदा सुशोभित करें। 
 
भगवान विष्णु को पान और सुपारी अर्पित करने के बाद धूप दीप आदि चढ़ाकर आरती उतारें और इस मंत्र द्वारा स्तुति करें। 
 
मंत्र :
सुप्ते त्वयि जगन्नाथ जमत्सुप्तं भवेदिदम्।
विबुद्दे त्वयि बुद्धं च जगत्सर्व चराचरम्।
 
इस प्रकार विष्णु के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराकर स्वयं भोजन या फलाहार करें। देवशयनी एकादशी पर रात्रि में भगवान विष्णु का भजन स्तुति करना चाहिए। स्वयं के सोने से पहले भगवान को शयन कराना चाहिए।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

Solar eclipse 2025:वर्ष 2025 में कब लगेगा सूर्य ग्रहण, जानिए कहां नजर आएगा और कहां नहीं

Aaj Ka Rashifal: आज क्‍या कहते हैं आपके तारे? जानें 22 नवंबर का दैनिक राशिफल

22 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

22 नवंबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Prayagraj Mahakumbh : 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइटों से संवारा जा रहा महाकुंभ क्षेत्र

अगला लेख