18 मार्च को अद्भुत संयोग बन रहे हैं शनिवार को शिव योग में मनेगी पापमोचनी एकादशी

Webdunia
इस बार दिन शनिवार, 18 मार्च को 4 अद्भुत संयोग में पापमोचनी एकादशी मनाई जाएगी। यह व्रत चैत्र कृष्ण एकादशी तिथि को रखा जाता है। आइए जानते हैं इस वर्ष कौन-कौनसे चार शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही शनिवार को चंद्रमा अपने ही नक्षत्र में यानी श्रवण नक्षत्र में रहेगा। 
 
पापमोचनी एकादशी के शुभ योग : 
 
1. सर्वार्थ सिद्धि योग- सुबह 06.28 मिनट से रात 12.29 मिनट तक।
 
2. द्विपुष्कर योग- रात 12.29 मिनट से 19 मार्च को प्रात: 06.27 मिनट तक। 
 
3. शिव योग- सुबह से लेकर रात 11.54 मिनट तक।
 
4. सिद्ध योग- रात्रि 11.54 मिनट से अगले दिन तक। 
 
पापमोचिनी एकादशी के मुहूर्त एवं पारण
 
पापमोचिनी एकादशी यानी चैत्र कृष्ण एकादशी का प्रारंभ- 17 मार्च 2023, शुक्रवार को 02.06 पी एम से
पापमोचिनी एकादशी का समापन- 18 मार्च 2023, शनिवार को 11:13 ए एम पर। 
उदयातिथि के अनुसार 18 मार्च 2023, शनिवार को पापमोचिनी एकादशी मनाई जाएगी। 
द्वादशी का समापन 19 मार्च को 08:07 ए एम पर।
पारण समय- 19 मार्च 2023, रविवार को 06:27 ए एम से 08:07 ए एम पर।
 
दिन का चौघड़िया
शुभ- 07.58 ए एम से 09.29 ए एम
चर- 12.29 पी एम से 02.00 पी एम
लाभ- 02.00 पी एम से 03.30 पी एमवार वेला
अमृत- 03.30 पी एम से 05.01 पी एम
 
रात्रि का चौघड़िया
लाभ- 06.31 पी एम से 08.00 पी एम
शुभ- 09.30 पी एम से 10.59 पी एम
अमृत- 10.59 पी एम से 19 मार्च 12.29 ए एम तक। 
चर- 12.29 ए एम से 19 मार्च 01.58 ए एम तक। 
लाभ- 04.57 ए एम से 19 मार्च 06.27 ए एम तक। 

राहुकाल-प्रात: 9:00 से 10:30 तक

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

Vishnu jee Worship

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी, तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत और खत्म होने का समय, जानिए क्या होगा इस युद्ध में

21 जून को साल के सबसे लंबे दिन पर करें ये 8 विशेष उपाय

महाभारत काल और दूसरे विश्‍व युद्ध के जैसे ग्रह संयोग, कैलेंडर भी कर रहा है मैच, क्या जीत जाएंगे हम ये जंग?

क्या लुप्त हो जाएंगे केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम! क्या सच होने वाली है स्कंदपुराण की भविष्यवाणी

वर्ष का सबसे लंबा दिन 21 जून को, जानें कारण और महत्व

सभी देखें

धर्म संसार

क्या पहले होती थी जगन्नाथ पुरी में प्रभु श्रीराम की पूजा?

Aaj Ka Rashifal: 20 जून, आज इन 4 राशियों के सपने होंगे पूरे, पढ़ें बाकी राशियों का भविष्य क्या कहता है?

20 जून 2025 : आपका जन्मदिन

इक्ष्वाकु वंश के कुल देवता भगवान जगन्नाथ के धाम को क्यों माना जाता है चार धामों में सबसे खास?

20 जून 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

अगला लेख