Tulsi Vivah at Home : तुलसी विवाह की सबसे सरल विधि, घर पर ऐसे करें पूजन और विधान

Webdunia
ऐसे करें घर में तुलसी जी का विवाह, यह है आसान विधि 
 
 देवउठनी एकादशी के दिन कैसे करें घर में तुलसी जी का विवाह, आइए जानें... 
 
1 * शाम के समय सारा परिवार इसी तरह तैयार हो जैसे विवाह समारोह के लिए होते हैं। 
 
2 * तुलसी का पौधा एक पटिये पर आंगन, छत या पूजा घर में बिलकुल बीच में रखें। 
 
3 * तुलसी के गमले के ऊपर गन्ने का मंडप सजाएं। 
 
4 * तुलसी देवी पर समस्त सुहाग सामग्री के साथ लाल चुनरी चढ़ाएं। 
 
5 * गमले में सालिग्राम जी रखें। 
 
6  * सालिग्राम जी पर चावल नहीं चढ़ते हैं। उन पर तिल चढ़ाई जा सकती है। 
 
7 * तुलसी और सालिग्राम जी पर दूध में भीगी हल्दी लगाएं। 
 
8 * गन्ने के मंडप पर भी हल्दी का लेप करें और उसकी पूजन करें।
 
9 * अगर हिंदू धर्म में विवाह के समय बोला जाने वाला मंगलाष्टक आता है तो वह अवश्य करें। 
 
10 * देव प्रबोधिनी एकादशी से कुछ वस्तुएं खाना आरंभ किया जाता है। अत: भाजी, मूली़ बेर और आंवला जैसी सामग्री बाजार में पूजन में चढ़ाने के लिए मिलती है वह लेकर आएं। 
 
11* कपूर से आरती करें। (नमो नमो तुलजा महारानी, नमो नमो हरि की पटरानी) 
 
12 * प्रसाद चढ़ाएं। 
 
13 * 11 बार तुलसी जी की परिक्रमा करें।
 
14 * प्रसाद को मुख्य आहार के साथ ग्रहण करें। 
 
15 * प्रसाद वितरण अवश्य करें।
 
16 * पूजा समाप्ति पर घर के सभी सदस्य चारों तरफ से पटिए को उठा कर भगवान विष्णु से जागने का आह्वान करें-उठो देव सांवरा, भाजी, बोर आंवला, गन्ना की झोपड़ी में, शंकर जी की यात्रा।
 
17 * इस लोक आह्वान का भोला सा भावार्थ है - हे सांवले सलोने देव, भाजी, बोर, आंवला चढ़ाने के साथ हम चाहते हैं कि आप जाग्रत हों, सृष्टि का कार्यभार संभालें और शंकर जी को पुन: अपनी यात्रा की अनुमति दें।
 
18 *  इस मंत्र का उच्चारण करते हुए भी देव को जगाया जा सकता है-
 
'उत्तिष्ठ गोविन्द त्यज निद्रां जगत्पतये।
त्वयि सुप्ते जगन्नाथ जगत्‌ सुप्तं भवेदिदम्‌॥'
'उत्थिते चेष्टते सर्वमुत्तिष्ठोत्तिष्ठ माधव।
गतामेघा वियच्चैव निर्मलं निर्मलादिशः॥'
'शारदानि च पुष्पाणि गृहाण मम केशव।'
 
19 * तुलसी नामाष्टक पढ़ें :-- 
वृन्दा वृन्दावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी। पुष्पसारा नन्दनीच तुलसी कृष्ण जीवनी।।
एतभामांष्टक चैव स्रोतं नामर्थं संयुक्तम। य: पठेत तां च सम्पूज् सौऽश्रमेघ फललंमेता।।
 
20. मां तुलसी से उनकी तरह पवित्रता का वरदान मांगें। 
देवउठनी एकादशी : पूजा की 17 बातें बहुत जरूरी है आपके लिए

सम्बंधित जानकारी

Show comments

क्या कर्मों का फल इसी जन्म में मिलता है या अगले जन्म में?

वैशाख अमावस्या का पौराणिक महत्व क्या है?

शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि में होंगे वक्री, इन राशियों की चमक जाएगी किस्मत

Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया से शुरू होंगे इन 4 राशियों के शुभ दिन, चमक जाएगा भाग्य

Lok Sabha Elections 2024: चुनाव में वोट देकर सुधारें अपने ग्रह नक्षत्रों को, जानें मतदान देने का तरीका

धरती पर कब आएगा सौर तूफान, हो सकते हैं 10 बड़े भयानक नुकसान

घर के पूजा घर में सुबह और शाम को कितने बजे तक दीया जलाना चाहिए?

Astrology : एक पर एक पैर चढ़ा कर बैठना चाहिए या नहीं?

100 साल के बाद शश और गजकेसरी योग, 3 राशियों के लिए राजयोग की शुरुआत

Varuthini ekadashi 2024: वरुथिनी व्रत का क्या होता है अर्थ और क्या है महत्व

अगला लेख