Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

Utpanna Ekadashi 2025: उत्पन्ना एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा, जानिए महत्व

Advertiesment
हमें फॉलो करें Utpanna Ekadashi 2025

WD Feature Desk

, गुरुवार, 6 नवंबर 2025 (11:10 IST)
Utpanna Ekadashi Date: उत्पन्ना एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह सभी 24 एकादशियों में पहली मानी जाती है क्योंकि इसी तिथि पर एकादशी देवी का जन्म हुआ था। इस दिन से ही वर्ष भर के एकादशी व्रत रखने की शुरुआत की जाती है।ALSO READ: वक्री बृहस्पति: 11 नवंबर से अगले 25 दिन इन 5 राशियों के लिए बेहद कठिन रहेंगे

ऐसा माना जाता है कि जो भक्त इस दिन से एकादशी व्रत का संकल्प लेता है, उसे जीवन के सभी पापों से मुक्ति मिलती है और अंत में वह मोक्ष प्राप्त करता है। यहां उत्पन्ना एकादशी 2025 की तिथि और इसका महत्व पाठकों की सुविधा हेतु बताया जा रहा है:
 
उत्पन्ना एकादशी 2025 कब है: उत्पन्ना एकादशी का व्रत हर साल मार्गशीर्ष/ अगहन महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। उदया तिथि के अनुसार, इस बार 15 नवंबर 2025 को उत्पन्ना एकादशी मनाई जाएगी।
 
उत्पन्ना एकादशी 2025 का शुभ समय और मुहूर्त :
 
उत्पन्ना एकादशी: शनिवार, 15 नवंबर 2025
एकादशी तिथि प्रारंभ- 15 नवंबर 2025 को देर रात 12 बजकर 49 मिनट से।
एकादशी तिथि का समापन- 16 नवंबर 2025 को देर रात 02 बजकर 37 मिनट पर होगा।
व्रत पारण समय/ व्रत तोड़ने का समय- 16 नवंबर 2025 को दोपहर 01:10 बजे से 03:18 बजे तक।
 
उत्पन्ना एकादशी का धार्मिक महत्व: हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार यह एकादशी भगवान विष्णु और उनके शरीर से उत्पन्न हुई एकादशी देवी को समर्पित है। इसका विशेष महत्व इसलिए है। इस व्रत को करने से व्यक्ति के जन्म-जन्मांतर के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने एकादशी व्रत को सबसे उत्तम बताया है। यह व्रत समस्त पापों का नाश करके अंत में मोक्ष की प्राप्ति कराता है। 
 
इस संबंध में ऐसा माना जाता है कि उत्पन्ना एकादशी का व्रत करने से मनुष्य को हजारों यज्ञों के बराबर और सहस्र गौ दान के समान पुण्य फल प्राप्त होता है। इस दिन व्रत रखने और विधि-विधान से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से भक्तों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है, तथा उन्हें किसी प्रकार के कष्ट का सामना नहीं करना पड़ता।
 
एकादशी देवी की उत्पत्ति: पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु के शरीर से एक देवी यानी एकादशी देवी का जन्म हुआ था। उन्होंने मूर नामक भयंकर राक्षस का वध किया था, जिसने भगवान विष्णु को योग निद्रा में रहते हुए मारना चाहा था। इससे प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने देवी को वरदान दिया था कि आज से यह तिथि उत्पन्ना एकादशी के नाम से जानी जाएगी और जो भी इस दिन व्रत करेगा, उसे पुण्य मिलेगा।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: Vivah Panchami 2025: विवाह पंचमी कब है, क्यों नहीं करते हैं इस दिन विवाह?
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Vivah Panchami 2025: विवाह पंचमी कब है, क्यों नहीं करते हैं इस दिन विवाह?