Utpanna Ekadashi Muhurat 2020
भारतीय धर्म संस्कृति में मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी का बहुत महत्व माना गया है। एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इस वर्ष 11 दिसंबर 2020, शुक्रवार को उत्पन्ना एकादशी व्रत मनाया जा रहा है।
1. हिन्दू पंचांग के अनुसार, उत्पन्ना एकादशी का व्रत मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को किया जाता है। उत्पन्ना एकादशी का व्रत किस प्रकार करना चाहिए? इस विषय में भगवान ने कहा है कि दशमी के दिन सिर्फ दिन के वक्त सात्विक आहार करना चाहिए।
आइए जानें कैसे करें उत्पन्ना एकादशी व्रत, जानिए 10 खास बातों से...
2. संध्याकाल में दातुन करके पवित्र होना चाहिए।
3. रात्रि के समय भोजन नहीं करना चाहिए।
4. भगवान के स्वरूप का स्मरण करते हुए सोना चाहिए।
5. सुबह स्नान करके संकल्प करना चाहिए और निर्जला व्रत रखना चाहिए।
6. दिन में भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।
7. पूजा में धूप, दीप एवं नाना प्रकार की सामग्रियों से विष्णु को प्रसन्न करना चाहिए।
8. कलुषित विचार को त्याग कर सात्विक भाव धारण करना चाहिए।
9. रात्रि के समय श्रीहरि के नाम से दीपदान करना चाहिए और आरती एवं भजन गाते हुए जागरण करना चाहिए।
10. भगवान कहते हैं कि जो व्यक्ति इस प्रकार उत्पन्ना एकादशी का व्रत करता है, उसे हजारों यज्ञों के बराबर पुण्य प्राप्त होता है। जो भिन्न-भिन्न धर्म-कर्म से पुण्य प्राप्त होता है, उन सबसे कई गुना अधिक पुण्य इस एकादशी का व्रत निष्ठापूर्वक करने से प्राप्त होता है।
उत्पन्ना एकादशी पूजन का सबसे शुभ मुहूर्त-
11 दिसंबर 2020 को उत्पन्ना एकादशी के दिन सुबह के समय पूजन का सबसे विशेष शुभ मुहूर्त 5.15 मिनट से शुरू होकर 6.5 मिनट तक का है तथा सायंकाल पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5.43 मिनट से 7.3 मिनट तक का रहेगा।
12 दिसंबर 2020 को पारण का शुभ समय सुबह 6. 58 मिनट से शुरू होकर सुबह 7. 2 मिनट तक रहेगा।