Biodata Maker

Mohini Ekadashi 2023 : मोहिनी एकादशी पर मंत्र सहित कौन से 4 काम करें और 10 बातों से बचें

Webdunia
Mohini Ekadashi 2023 वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन मोहिनी एकादशी है। इस दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लिया था। इसलिए इसे मोहिनी एकादशी कहा जाता है। आइए जानते हैं वैशाख मास की मोहिनी एकादशी से संबंधित पूरी जानकारी... 
 
मोहिनी एकादशी कब है? 
मोहिनी एकादशी का व्रत 1 मई को रखा जाएगा। 30 अप्रैल को रात 8 बजकर 28 मिनट से एकादशी तिथि प्रारंभ होगी और 1 मई को रात 10 बजकर 9 मिनट तक रहेगी। उदय तिथि के अनुसार, 1 मई को ही मोहिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा।
 
मोहिनी एकादशी व्रत का महत्व क्या है? 
मोहिनी एकादशी का व्रत सबसे उत्तम है। इस दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लेकर असुरों का वध किया था। इस व्रत से सभी पाप धुल जाते हैं और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। एकादशी का व्रत करने से घर परिवार में सेहत, समृद्धि, सुख और शांति बनी रहती है और धन, रिश्तों की मिठास, सिद्धि-बुद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
मोहिनी एकादशी पर क्या करें (What to do on Mohini Ekadashi)
1. पूजा : मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु की आराधना करने से जहां सुख-समृद्धि बढ़ती है वहीं शाश्वत शांति भी प्राप्त होती है। खासकर उनके मोहिनी रूप की पूजा करना चाहिए। साथ ही भगवान विष्णु को चंदन और जौ चढ़ाने चाहिए क्योंकि यह व्रत परम सात्विकता और आचरण की शुद्धि का व्रत होता है। 
 
2. व्रत : इस दिन व्रत-उपवास रखकर मोह-माया के बंधन से मु‍क्त होने के लिए यह एकादशी बहुत लाभदायी है। अत: हमें अपने जीवन काल में धर्मानुकूल आचरण करते हुए मोक्ष प्राप्ति का मार्ग ढूंढना चाहिए।
 
3. कथा : मोहिनी एकादशी के अवसर पर श्रद्धालुओं को सुबह से ही पूजा-पाठ, प्रातःकालीन आरती, सत्संग, एकादशी महात्म्य की कथा, प्रवचन सुनना चाहिए। साथ ही मोहिनी एकादशी की कथा सुनना चाहिए।
 
4. मंत्र : एकादशी के दिन इनमें से किसी भरी मंत्र का 108 बार जाप अवश्‍य करना चाहिए। 
- ॐ विष्णवे नम:
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय। 
- श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
- ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
- ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
मोहिनी एकादशी के दिन क्या नहीं करना चाहिए (mohini ekadashi ke din kya nahi karna chahie) :
 
1. इस दिन चावल, लहसुन, प्याज, कोदों का शाक, गाजर, शलजम, पालक, गोभी, केला, आम, अंगूर,  बादाम, पिस्ता, नमक, तेल, मांस, मसूर की दाल, शहद का का सेवन नहीं करना चाहिए।
 
2. तुलसी के पौधे में जल अर्पित नहीं करना चाहिए।
 
3. जुआ सट्टा नहीं खेलना चाहिए।
 
4. किसी भी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए।
 
5. इस दिन क्रोध, मिथ्या भाषण का त्याग करना चाहिए।
 
6. स्त्रीसंग प्रसंग नहीं करना चाहिए।
 
7. कांसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।
 
8. किसी की निंदा करना, बहस करना या बुरी संगत में रहने का भी त्याग कर देना चाहिए।
 
9. यह भी कहा जाता है कि इस दिन दातुन भी नहीं करना चाहिए।
 
10. पोंछा नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इससे सूक्ष्म जीवों का नाश होता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Gita Jayanti Wishes: गीता जयंती पर अपनों को भेजें ये 5 प्रेरणरदायी शुभकामना संदेश

Shani Margi 2025: 28 नवंबर 2025 को शनि चलेंगे मार्गी चाल, 3 राशियों को कर देंगे मालामाल

Vivah Panchami 2025: विवाह पंचमी कब है, क्यों नहीं करते हैं इस दिन विवाह?

Sun Transit In Scorpio: सूर्य का वृश्‍चिक राशि में गोचर, 12 राशियों का राशिफल और भविष्‍यफल

बुध का तुला राशि में गोचर, 12 राशियों का राशिफल, किसे मिलेगा लाभ किसको होगा नुकसान

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (23 नवंबर, 2025)

23 November Birthday: आपको 23 नवंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 23 नवंबर, 2025: रविवार का पंचांग और शुभ समय

November 2025 Weekly Horoscope: साप्ताहिक राशिफल 24-30 नवंबर, इस सप्ताह किन राशियों को मिलेगी बड़ी सफलता, जानें अपना भाग्य

विवाह पंचमी 2025: क्यों है यह दिन शादी के लिए खास? जानें शुभ मुहूर्त और श्रीराम-जानकी की कृपा पाने के उपाय

अगला लेख