...तो इसलिए बिगड़ा हमारा पर्यावरण

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* जगह-जगह से हरियाली हटा कर रोज नित-नई बिल्डिंगों, इमारतों और व्यावसायिक स्थलों का निर्माण। 


 
* औद्योगिक विकास की वजह से फैक्टरियों व चिमनियों से निकलने वाली रासायनिक गैसों का पर्यावरण पर हानिकारक प्रभाव।
 
* शहरों/गांवों में वाहनों की संख्या बढ़ने से पेट्रोल व डीजल की खपत से कार्बनडाई ऑक्साइड व कॉर्बन मोनो आक्साइड से ओजोन परत को क्षति।
 
* अस्पतालों से निकलने वाले दूषित सामानों का कचरा यहीं-कहीं फेंका जाना। 
 
* इलेक्ट्रिक आइटम्स एसी, फ्रिज आदि से निकले क्लोरो-फ्लोरो कार्बन से वायुमंडल के तापमान में वृद्धि।
 
* आबादी बढ़ने से वनों-जंगलों का विनाश एवं कांक्रीट के मकानों का बनना। 
 
* प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग के कारण प्रदूषण का फैलाव और गौमाता के जीवन पर बढ़ता खतरा।  

 
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