विश्व पृथ्वी दिवस 2022: आज धरती पर कई तरह के संकट है। एक ओर ग्लोबल वॉर्मिंग है तो दूरी ओर ओजोन परत का खतरा। एक तरफ कटते जंगल और पहाड़ है तो दूरी ओर सूखती नदियां, लेकिन इन सभी के बीच सबसे बड़ा खतरा धरती का भीतर से खोखली होते जाना। यानी हमारे पास जब कदम रखने को भूमि नहीं मिलेगी तब हम कहां रहेंगे।
खनन-उत्खनन-खुदाई से खोखली होती धरती (World earth day 2022) :
1. खनन, उत्खनन या खुदाई का अर्थ है धरती के शरीर पर फावड़ा चलाना, उसके शरीर को छलनी करना। खनन वैध हो या अवैश वह खनन तो खनन ही है।
2. खनन 5 जगहों पर हो रहा है- 1.नदी के पास खनन, 2.पहाड़ की कटाई, 3.खनीज, धतु, हीरा क्षेत्रों में खनन, 4.समुद्री इलाकों में खनन और 5.पानी के लिए धरती के हर क्षेत्र में किए जा रहा बोरिंग।
3. रेत, गिट्टी, खनीज पदार्थों, हीरा, कोयला, तेल, पेट्रोल, धातु और पानी के लिए संपूर्ण धरती को खोद दिया गया है। कहीं हजार फीट तो कहीं पांच हजार फीट नीचे से पानी निकाला जा रहा है।
3. मनुष्य ऊपरी (बारिश, तालाब, जलाशय, नदी, झील) जल को छोड़कर धरती के भीतरी के जल को तेजी से पीकर जल स्तर को कम करता जा रहा है जिसके चलते भूमि तेजी से बहुत नीचे तक खोखली हो रही है।
4. खोखली भूमि भविष्य में जब तेजी से दरकने लगेगी तब मानव के लिए इस स्थिति को रोकना मुश्किल हो जाएगा। धरती की प्राथमिक लेयर तो कमजोर हो चुकी है लेकिन उसकी दूरी लेयर को भी अब खोद दिया गया है।
5. वर्तमान में धीरे-धीरे समुद्र के तटवर्ती शहर जमींदोज होते जा रहे हैं। समुद्र का जल स्तर बढ़ता जा रहा है। यह बात सिर्फ समुद्र के तटवर्ती शहरों पर लागू नहीं होती। दरअसल, दुनिया के सैकड़ों शहरों में भूमि का जल स्तर एक हजार फीट से नीचे चला गया है।
6. आप गणना नहीं कर सकते हैं कि कितने बोरिंग लगे हुए हैं जिनमें से पानी निकाला जा रहा है और लाखों सूख गए हैं। भविष्य में हमें अपने शहर के भूमि में धंसने के लिए तैयार रहना चाहिए। यही चलता रहा तो भविष्य में रहेगा सिर्फ रेगिस्तान और समुद्र। भविष्य में धरती पर दो ही तत्वों का साम्राज्य रहेगा- रेगिस्तान और समुद्र।