सिगरेट पीते हैं तो 56 बीमारियों के टारगेट पर हैं आप, देखिए स्‍मोकर्स का क्‍या हाल है चीन में?

Webdunia
बुधवार, 7 दिसंबर 2022 (13:03 IST)
ये वायरस और कई तरह के खतरों का दौर है। हाल ही में हम कोरोना वायरस से उबरे हैं। ऐसे में लाइफस्‍टाइल, खानपान पर फोकस बहुत जरूरी हो गया है। अगर हेल्‍थ के साथ जरा भी चूक हुई तो समझो जान पर बन आएगी।
ऐसे में चीन में हुई एक रिसर्च ने और ज्‍यादा टेंशन में डाल दिया है। लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि जो लोग नियमित सिगरेट पीते हैं वे 56 तरह की खतरनाक बीमारियों के टारगेट पर रहते हैं, उन लोगों के मुकाबले जो सिगरेट नहीं पीते हैं। डराने वाली बात यह है कि इन बीमारियों में कैंसर, हार्ट अटैक, दिमाग, लिवर और आंखों की बीमारियां शामिल हैं।

चीन में हुई इस रिसर्च में करीब 5 लाख 12 हजार से ज्यादा लोगों की हेल्‍थ को करीब 11 साल तक वॉच किया गया। जिसके बाद रिपोर्ट में कई तरह के डराने वाले रिजल्‍ट सामने आए हैं। सबसे ज्‍यादा चौंकाने वाली बात है कि स्‍मोकर्स 56 तरह की जानलेवा बीमारियों के रडार पर रहते हैं।

स्‍मोकर्स को इन बीमारियों का खतरा
सिगरेट पीने वालों जिन बीमारियों से खतरा है, उनमें दिल की बीमारी यानी हार्ट अटैक, दिमाग संबंधी बीमारियां, लिवर की परेशानियां, आंखों में मोतियाबिंद सांस, कैंसर, पेट की तकलीफ और डायबिटीज जैसी जानलेवा और खतरनाक बीमारियां शामिल हैं। इनमें भी सबसे ज्यादा खतरा लैरिंक्स कैंसर का रहता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक लोगों में इसका खतरा 216 प्रतिशत तक हो सकता है। लैरिंक्स को मेडिकल की भाषा में वॉइस बॉक्स या कंठ कहा जाता है।

चीन में स्‍मोकर्स के हाल
स्टडी में 5 लाख 12 हजार से ज्यादा लोगों की सेहत को करीब 11 साल तक वॉच किया गया। उनकी हर हरकत और हेल्‍थ अपडेट को रिकॉर्ड किया गया। एक टीम बनारक लगातर स्‍मोकर्स पर नजर बनाई रखी गई। इसमें करीब 3 लाख महिलाएं थीं, लेकिन रेगुलर स्मोकिंग करने वाले 74.3 प्रतिशत पुरुष थे। रिचर्स में सामने आया है कि दुनिया में स्मोकिंग करने वालों में 40 प्रतिशत लोग तो सिर्फ चीन में ही रहते हैं। हैरान करने वाली बात है कि चीन में दो तिहाई पुरुष 20 साल की उम्र से पहले ही स्‍मोकिंग के आदि हो जाते हैं। हालात यह है कि चीन में स्मोकिंग से हर साल 10 लाख लोगों की मौत हो जाती है।

इंदौर के कोकिलाबेन हॉस्‍पिटल में पल्‍मॉनोलॉजिस्‍ट डॉ रवि दोशी ने वेबदुनिया को बताया कि स्‍मोकिंग फेफड़ों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। वैसे भी कोरोना के बाद ज्‍यादातर लोगों के फेफड़े कमजारे हो गए हैं, और उन्‍हें कोई न कोई दिक्‍कत है। यही नहीं, इससे सांस संबंधी बीमारियों की आशंका भी रहती है। इसके साथ यह प्रदूषण और एलर्जी का दौर है, ऐसे में किसी भी तरह का धुम्रपान कई तरह की बीमारियों को बुलावा दे सकता है।

स्‍मोकिंग के कुछ तथ्‍य Edited by navin rangiyal

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