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बांग्‍लादेश के पतन से क्‍या भारत की Textile Industry को होगा फायदा?

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, गुरुवार, 8 अगस्त 2024 (14:12 IST)
  • बांग्लादेश हर महीने का कपड़ा एक्सपोर्ट 3.5-3.8 बिलियन डॉलर का है
  • भारत हर महीने 1.3-1.5 बिलियन डॉलर का कपड़ा एक्सपोर्ट करता है
  • अमेरिका में 10 फीसदी मार्केट शेयर पर बांग्लादेश से होने वाले एक्सपोर्ट का कब्जा
  • भारत के 2030 तक टेक्सटाइल बाजार में 350 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्‍मीद
Indian and Bangladeshi Textile Industries: भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में राजनीतिक संकट के बाद वहां की सबसे बड़ी Textile Industry भी लड़खड़ा गई है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्‍तीफे और तख्‍तापलट के बाद बांग्‍लादेश में जो हिंसा और आगजनी शुरू हुई है, वो चरम पर पहुंच गई है। ऐसे में वहां सरकारी सिस्‍टम पूरी तरह से ध्‍वस्‍त हो गया है। वहां का कपड़ा उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। दुनिया के कई हिस्‍सों में बांग्‍लादेश अपने यहां बना कपड़ा एक्‍सपोर्ट करता है।

बांग्लादेश की इस आपदा वाली स्थिति का फायदा भारत को मिल सकता है। दरअसल, बांग्‍लादेश से पूरी दुनिया में कपड़ों का सप्‍लाय बंद हो गया है। जबकि पूरी दुनिया में टेक्‍सटाइल प्रोडक्‍ट की डिमांड बनी हुई है। बांग्‍लादेश से डिमांड पूरी नहीं होने पर ग्‍लोबल खरीददार भारत का रुख कर सकते हैं। ऐसे में भारत की टेक्‍सटाइल इंडस्‍ट्रीज इस आपदा को अपने लिए अवसर में बदल सकता हैं। बता दें कि बांग्‍लादेश में लेबर बहुत सस्‍ती है, इस वजह से भारत के साथ ही कई देश क्‍लाथ मैन्‍यूफेक्‍चरिंग भी बांग्‍लादेश में करवाते हैं, ऐसे में फिलहाल वहां मैन्‍यूफेक्‍चरिंग भी रूकी हुई है, अब इस सेक्‍टर में भी भारत मौका उठा सकता है।

Textile Industry में भारत को कैसे होगा फायदा: दरअसल, पूरी दुनिया में कपड़ा बाजार में सबसे बड़ा नाम चीन का है। बांग्लादेश दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कपड़ा निर्यातक है। जबकि भारत इस मामले में तीसरे नंबर पर आता है। लेकिन बांग्‍लादेश में राजनीतिक संकट गहरा गया है। सरकार की अस्‍थिरता और हिंसा के जो हालात वहां अभी बने हुए हैं, उसे सुधरने में लंबा वक्‍त गुजर जाएगा। हिंसा के बीच दुनिया के कई हिस्‍सों में बांग्‍लादेश से होने वाला कपड़ा सप्‍लाय बंद हो गया है। ऐसे में भारतीय कपड़ा बाजार सक्रिय हो गया है। बांग्‍लादेश से भारत के दिल्‍ली, मुंबई, बैंगलुरु, अहमदाबाद, सूरत, और इंदौर समेत कई शहरों के बाजारों में बांग्‍लादेश का कपड़ा मंगाया जाता है।

मैन्यूफैक्चरिंग सेक्‍टर में भी मौका : बता दें कि अप्रैल 2024 में भारत का मैन्यूएफैक्चरिंग ऑफ टैक्सटाइल इंडेक्स 105.9 पर था। बांग्लादेश में मिल रही सस्ती लेबर के चलते टेक्सटाइल कारोबार का बड़ा हिस्सा वहीं से मैन्यूफैक्चरिंग कराना पसंद करता है। भारतीय कंपनियां भी बड़ी संख्या में बांग्लादेश में अपनी मैन्यूफैक्चरिंग भी कराती हैं और एक्सपोर्ट करती हैं। ऐसे में अब मैन्यूफैक्चरिंग सेक्‍टर में भी भारत को फायदा मिल सकता है।

कितनी बड़ी है बांग्लादेश की टेक्‍सटाइल इंडस्‍ट्रीज : बांग्‍लादेश हालांकि एक छोटा देश है। लेकिन कपड़ा निर्यात में इस देश का दबदबा है। रिपोर्ट की माने तो बांग्लादेश का हर महीने का कपड़ा (एपैरेल) निर्यात 3.5-3.8 बिलियन डॉलर का है। इसका यूरोपियन यूनियन और युनाउटेड किंगडम (UK) में 10 फीसदी से ज्यादा का मार्केट शेयर है। अमेरिका में 10 फीसदी मार्केट शेयर पर बांग्लादेश से होने वाले एक्सपोर्ट का कब्जा है। जबकि भारत हर महीने करीब 1.3-1.5 बिलियन डॉलर का कपड़ा एक्सपोर्ट करता है। यानी भारत इस मामले में बांग्‍लादेश से पीछे है, लेकिन अब भारत के पास आगे निकलने का मौका है।

भारतीय टेक्‍सटाइल बाजार : 2030 तक 350 बिलियन डॉलर : बता दें कि साल 2030 तक भारत का टेक्सटाइल और अपैरेल का बाजार 350 बिलियन डॉलर का हो जाने की उम्मीद की जा रही है। इसमें सालाना 10 फीसदी सीएजीआर (CAGR) ग्रोथ का अनुमान है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा टेक्सटाइल और अपैरेल का एक्सपोर्टर (निर्यातक) है। दुनिया में कई टेक्सटाइल कैटेगरी में भारत की गिनती टॉप 5 रैंकिंग में होती है और इसका एक्सपोर्ट 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। कपड़ा और टेक्सटाइल इंडस्ट्री देश की जीडीपी में 2.3 फीसदी, इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में 13 फीसदी और निर्यात में 12 फीसदी योगदान देता है। 2030 तक भारत में कपड़ा उद्योग का जीडीपी में योगदान दोगुना होकर लगभग 5 फीसदी होने का अनुमान है। अभी ये कुल 2.3 फीसदी पर है।

भारत को कपास से मिलेगी ग्रोथ में तेजी : बता दें कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा कपास उत्पादक देश है। ऐसे में भारत के टेक्सटाइल बाजार के ग्रोथ में तेजी लाने का एक अवसर भारत को मिला है। कृषि मंत्रालय ने साल 2023-24 के लिए कपास उत्पादन 31.6 मिलियन गांठ होने का अनुमान लगाया था। कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) के मुताबिक बढ़ती मांग के चलते भारत में कपास का उत्पादन 2030 तक 7.2 मिलियन टन (170 किलोग्राम प्रत्येक की 43 मिलियन गांठें) तक पहुंचने का अनुमान है। ग्लोबल स्तर पर अनुमानित 4.6-4.9 फीसदी हिस्सेदारी के साथ साल 2027 तक इसके 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर को पार करने की भी उम्मीद है।

टेक्‍सटाइल स्‍टॉक्‍स को मिला बूस्‍टर डोज : बांग्लादेश की राजनीतिक अस्‍थिरता का फायदा भारत को मिलने भी लगा है। दरअसल, भारतीय टेक्‍सटाइल स्‍टॉक्‍स में अचानक उछाल आया है। जिन कंपनियों के शेयर उछले हैं उनमें रूपा एंड कंपनी (Rupa & Company) का शेयर 2.37 फीसदी, बॉम्बे डाइंग का शेयर 2.19 फीसदी, जॉकी ब्रांड से ईनरवियर बेचने वाली पेज इंडस्ट्रीज (Page Industries) ने आज 0.60 फीसदी के उछाल के साथ ट्रेड बंद किया है। हाल ही में डॉलर इंडस्ट्रीज 8 फीसदी से ज्यादा उछला था।
  • बांग्लादेश हर महीने का कपड़ा एक्सपोर्ट 3.5-3.8 बिलियन डॉलर का है
  • भारत हर महीने 1.3-1.5 बिलियन डॉलर का कपड़ा एक्सपोर्ट करता है
  • अमेरिका में 10 फीसदी मार्केट शेयर पर बांग्लादेश से होने वाले एक्सपोर्ट का कब्जा
  • भारत के 2030 तक टेक्सटाइल बाजार में 350 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्‍मीद
  • चीन, बांग्‍लादेश के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा टेक्सटाइल निर्यातक
  • भारत दुनिया का सबसे बड़ा कपास उत्पादक देश
  • भारत में कुल 4.5 करोड़ लोग टेक्सटाइल इंडस्ट्री में काम करते हैं
  • इनमें 35.22 लाख हैंडलूम वर्कर्स हैं
  • तख्‍तापलट और हिंसा के बाद बांग्‍लादेश से रुका दुनियाभर में कपड़ों का निर्यात
Edited by Navin Rangiyal

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