जापान सरकार लोगों से क्‍यों कह रही, देशभक्‍त बनो, जमकर छलकाओ रम, व्हिस्की और बीयर के जाम

नवीन रांगियाल
पिछले दिनों कोरोना काल के दौरान व्‍हाट्सऐप और दूसरे सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म पर भारत में शराब के शौकीनों ने मीम्‍स वायरल कर के यह दावे किए थे कि देश की आर्थिक प्रगति में उनका भी योगदान है, क्‍योंकि वे बड़ी मात्रा में शराब का सेवन करते हैं, जिससे सरकार के रेवेन्‍यू में इजाफा होता है। शराब के शौकीनों का यह भी कहना था ऐसे समय में जब देश के सारे धंधे और व्‍यापार ठप्‍प हो गए हैं, एक वे ही हैं, जिनके शराब पीने से देश का खजाना खाली नहीं हो रहा है।

दरअसल, यह सोशल मीडिया में चलने वाले फन और वायरल कंटेंट का हिस्‍सा था, लेकिन अब भारत में शराब पीने वालों की इसी बात की पुष्‍टि जापान जैसा देश कर रहा है। जी, हां। जापान की सरकार ने हाल ही में एक अपील जारी की है। जिसमें कहा गया है कि वहां के नागरिक खासतौर से नौजवान जमकर शराब पिएं। सरकार ने कहा है कि सभी नागरिक जमकर रम, व्हिस्की, वाइन और बीयर जैसी ड्रिंक्स का इस्‍तेमाल करें और देशभक्‍त बनें। इतना ही नहीं, जापान में इसके लिए बकायदा ‘Sake Viva’ नाम से एक कैंपेन चलाया जा रहा है। जिसकी मदद से जापानी नौजवान को ज्‍यादा से ज्‍यादा शराब पीने के लिए प्रेरित और आकर्षित किया जा सके।

जापान ने क्‍यों कहा खूब छलकाओ जाम’?
दरअसरल, कोरोना संक्रमण ने अच्‍छे अच्‍छे देशों की आर्थिक कमर तोड़ दी है। ऐसे में जापान की अर्थव्‍यवस्‍था भी गड़बड़ा गई है, जिसे लेकर जापानी सरकार चिंतित है। अब जापान अपनी अर्थव्यवस्था में तेजी लाना चाहता है। उसे लगता है कि शराब की ब्रिक्री से ही उसकी अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। इसलिए उसने व्‍यापक पैमाने पर देश के युवाओं को एल्‍कोहन के सेवन के लिए अपील की है।

‘Sake Viva’ कैंपेन और बिजनेस आइडिया
जापान के लोग ज्‍यादा से ज्‍यादा शराब पिए और देश की अर्थव्‍यवस्‍था को आगे बढ़ाए इसके लिए वहां ‘Sake Viva’ कैंपेन शुरू किया गया है। Sake Viva आइडिया के पीछे जापान की ही एक नेशनल टैक्स एजेंसी काम कर रही है। एजेंसी ने एक राष्‍ट्रीय स्‍तर का कॉम्पीटिशन भी शुरू किया, जिसमें 20 से 39 साल की उम्र के बीच के लोगों से बिजनेस आइडिया मांगए गए हैं। उन्‍हें पूछा गया है कि आप अपनी राय और आइडियाज शेयर करे, जिससे देश में शराब की खपत बढ़ सके।

जापान में क्‍यों शराब छोड़ रहे लोग?
कोरोना संक्रमण की मार के बाद जापान में लोग हेल्‍थ कांसियश हो गए हैं। जिसके चलते कई लोग वहां शराब पीना छोड़ रहे हैं। शराब छोड़ने वालों में ज्यादा उम्र के जापानी नागरिक हैं। कोरोना के बाद जापान में शराब की खपत में भारी कमी आई है। वर्ल्‍ड बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक जापान में 29 फीसदी आबादी 65 साल से ज्‍यादा उम्र की है। ऐसे में शराब की खपत पर असर हुआ है और शराब का व्‍यापार प्रभावित हो रहा है। हालांकि जापान की सरकार के इस कैंपन का विरोध भी हो रहा है। लोग कह रहे हैं कि शराब सेहत के लिए खराब होती है, बावजूद सरकार अपने देशवासियों को इसे पीने के लिए प्रेरित कर रही है, ये कैसा कैंपेन है।

जापान में शराब खपत के आंकड़ें
रिपोर्ट के मुताबिक जो खबरें सामने आ रही हैं, उनमें कहा गया है कि पिछले 25 साल की तुलना में जापान में अब लोग बहुत कम शराब पी रहे हैं।  नेशनल टैक्स एजेंसी के मुताबिक साल 1995 में जापान में हर साल जहां एक व्‍यक्‍ति 100 लीटर शराब पी जाता था, वहीं, अब 2020 में ये आंकड़ा घटकर 75 लीटर प्रति व्‍यक्‍ति ही रह गया है।

जापान में बीयर की खपत
The Guardian की एक रिपोर्ट के मुताबिक किरिन लेगर और इचिबन शिबोरी बनाने वाली कंपनी ने बताया कि जापान में बीयर की खपत 2020 में प्रति व्यक्ति 55 बोतलें थीं, जो उसके पिछले साल के मुकाबले 9.1 फीसदी कम थी।

जापान में शराब से टैक्‍स
वर्ल्ड बैंक के मुताबिक जापान में लगभग एक तिहाई आबादी 65 साल या उससे ज्‍यादा उम्र की है। जापान टाइम्स के मुताबिक 1980 में शराब से टैक्स रेवेन्यू 5 फीसदी था, जो 2020 में घटकर 1.7 फीसदी रह गया है।

जापान में शराब, इसके कारोबार और टैक्‍स की हकीकत

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