नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को टूलकिट मामले में बेंगलुरु की पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की जमानत मंजूर करते हुए कहा कि रवि के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने जमानत मंजूर करते हुए कहा कि अस्पष्ट साक्ष्यों को देखते हुए मुझे जमानत मंजूर करने से इंकार करने का कोई ठोस कारण दिखाई नहीं दे रहा है।
उन्होंने रवि की जमानत को मंजूर करने का आदेश देते हुए रवि से 1 लाख रुपए के जमानती बांड और तथा 2 अतिरिक्त मुचलके प्रस्तुत करने को कहा। रवि की ओर से न्यायालय में पेश हुए वकील अभिनव शेखरी ने न्यायाधीश से जमानत राशि घटाकर 50 हजार रुपए करने की अपील की जिसे न्यायाधीश ने नामंजूर कर दिया।
इससे पहले पुलिस ने रवि को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने पेश और एक स्थानीय अदालत में याचिका दायर कर रवि की पुलिस हिरासत 4 दिन और बढ़ाने की मांग की जिसे मजिस्ट्रेट ने रद्द कर दिया। दिल्ली पुलिस ने 20 फरवरी को कहा था कि रवि खालिस्तान की वकालत करने वालों के साथ मिलकर टूलकिट तैयार कर रहीं थी। यह भारत को बदनाम करने वाले वैश्विक षड्यंत्र तथा किसानों के आंदोलन की आड़ में देश में अशांति फैलाने की कोशिश करने का हिस्सा है।
इससे पहले स्थानीय अदालत ने 14 फरवरी को रवि को 5 दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेजा था। उस समय जांच एजेंसी ने कहा था कि केंद्र सरकार के खिलाफ बड़े षड्यंत्र तथा खालिस्तान आंदोलन में उनकी भूमिका की जांच के लिए पुलिस हिरासत जरूरी है। रवि को दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने 13 फरवरी को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था और दिल्ली की अदालत में पेश कर 7 दिन की पुलिस हिरासत की मांग की थी। (वार्ता)