गाज़ियाबाद। भले ही चिल्ला बार्डर और बागपत में किसानों का आंदोलन खत्म हो गया है। लेकिन यूपी दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर पर दम तोड़ता किसान आंदोलन एक बार फिर से जीवंत खड़ा हो उठा। जहां कल गाजीपुर बार्डर पर 500-700 किसान दिखाई दे रहे थे, अब वहां हजारों की संख्या में किसान एकत्रित हो गए हैं।
किसानों के सैलाब को देखते हुए नेशनल हाईवे 9 पर दिल्ली की तरफ से जो ट्रैफिक गाजियाबाद आ रहा था, उन सभी लेन को दिल्ली पुलिस की तरफ से बंद कर दिया गया है। अब नेशनल हाईवे 9 पर अब ट्रैफिक की आवाजाही पूरी तरह बंद हो चुकी है।
राकेश टिकैत के आंसू किसान आंदोलन के लिए टर्निंग पाइंट बन गए हैं। हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में वापस लौटे किसानों ने फिर धरनास्थल पर आना शुरू कर दिया है।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में गाजीपुर बार्डर पर धरना को चलाने के लिए रणनीति तैयार की जा रही है। राजकीय कालेज मुजफ्फरनगर के ग्राउंड में हजारों की संख्या में किसान, महिलाएं और युवा जुटे हुए हैं।
किसान धरने को समाप्त करने के लिए सरकार की कोशिश नाकाम हो गई है। आज सुबह से मुजफ्फरनगर में हजारों की संख्या में किसान राकेश टिकैत और नरेश टिकैत के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।
सभी राजनीतिक दलों ने एक सुर में कहा है कि सरकार किसानों का दमन चाहती है, जो बर्दाश्त नही होगा। सभी पार्टी किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
मुजफ्फरनगर में महापंचायत और गाजीपुर बार्डर पर किसानों के सैलाब को देखकर कहा जा सकता है कि अब फिर से किसान कानून बिल के विरोध में मर मिटने को तैयार है।
वही सिंधु बॉर्डर पर स्थानीय लोगों और किसानों के बीच हिंसक झड़प हुई है। लोगों ने किसानों के टेंट तोड़ा दिया, ये किसान सिंधु बॉर्डर पर हरियाणा से आए है। सिंधु बॉर्डर खाली करने को लेकर लोगों का उग्र प्रदर्शन जारी है, भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।