नई दिल्ली। भीषण सर्दी, बारिश और जलभराव की स्थिति में भी किसान विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की अपनी मांग को लेकर दिल्ली से लगी सीमाओं पर डटे हैं। सरकार और किसान संगठनों के बीच सोमवार को हुई सातवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही थी।
किसान संगठनों के प्रतिनिधि इन कानूनों को पूरी तरह निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े रहे जबकि सरकार कानूनों की खामियों वाले बिन्दुओं या उनके अन्य विकल्पों पर चर्चा करना चाह रही थी। दोनों के बीच अब अगली बातचीत 8 जनवरी को होगी।
बैठक के बाद केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने पत्रकारों से बात करते हुए अगली बैठक में सकारात्मक वार्ता होने और समाधान निकलने की उम्मीद जताई, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि समाधान पर पहुंचने के लिए दोनों पक्षों की ओर से प्रयास किए जाने चाहिए।
भीषण सर्दी के मौसम में विभिन्न राज्यों के किसान दिल्ली से लगी सीमाओं पर पिछले करीब 40 दिन से डटे हैं। इनमें अधिकतर किसान पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं।
शहर में पिछले कुछ दिनों से बारिश हो रही है, जिसके बाद दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (डीएसजीएमसी) ने शहर के सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को बारिश से बचाने के लिए तंबुओं में अस्थायी ऊंचे बिस्तर उपलब्ध कराए हैं। तंबुओं के मुख्य मंच के ठीक पीछे और राजमार्ग के ढलान वाले हिस्से पर होने के कारण, वहां बारिश में जलभराव का खतरा बना रहता है।
किसान पिछले साल नवंबर से दिल्ली की कई सीमाओं पर डटे हैं और यातायात पुलिस के अधिकारी लगातार ट्विटर पर लोगों को बंद एवं परिवर्तित मार्गों की जानकारी दे रहे हैं।
यातायात पुलिस ने मंगलवार को सिलसिलेवार ट्वीट में बताया कि सिंघू, औचंदी, प्याऊ मनियारी, सबोली और मंगेश बॉर्डर बंद हैं।
उसने कहा, 'कृपया लामपुर, सफियाबाद, पल्ला और सिंघू स्कूल टोल टैक्स बार्डर से होकर जाएं। मुकरबा और जीटेके रोड पर भी यातायात परिवर्तित किया गया है। आउटर रिंग रोड, जीटीके रोड और एनएच-44 पर जाने से भी बचें।'
एक अन्य ट्वीट में पुलिस ने कहा, चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर नोएडा तथा गाजीपुर से दिल्ली आने वाले लोगों के लिए बंद है। कृपया आनंद विहार, डीएनडी, अप्सरा, भोपुरा और लोनी बॉर्डर से होकर दिल्ली आएं।
टिकरी, ढांसा बॉर्डर पर यातायात पूरी तरह बंद है। झटीकरा बॉर्डर केवल हल्के वाहनों, दो-पहिया वाहनों और राहगीरों के लिए खुला है। हरियाणा जाने के लिए झाड़ोदा (वन सिंगल कैरिजवे), दौराला, कापसहेड़ा, रजोकरी एनएच-8, बिजवासन/ बजघेड़ा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर खुले हैं। (भाषा)