बागपत। बड़ौत के दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर चल रहे किसान आंदोलन को कुछ समय पहले पुलिस ने डंडे चलाकर तहस-नहस कर दिया था।
रात में सोते हुए किसानों पर पुलिस-प्रशासन का चाबुक चला था। इसके विरोधस्वरूप आज बागपत में खाप मुखियाओं की महापंचायत हुई। इस महापंचायत में फैसला लिया गया कि किसी किसान पर कोई मुकदमा दर्ज नही होगा, साथ ही जो सामान पुलिस उठाकर ले गई थी, वो सब वापस किया जाएगा।
खाप मुखियाओं की पंचायत को लेकर पुलिस प्रशासन की सांसें अटकी हुई थीं। महापंचायत की कमान खुद बागपत एडीएम बागपत अमित कुमार और एएसपी मनीष मिश्र ने संभाली हुई थी। उन्होंने किसानों और मुखियाओं से बड़ौत धरना उखाड़ने का खेद जताया और कहा कि हम भी किसान के बेटे हैं और बुजुर्ग किसान हमारे दादा और पितातुल्य हैं, इसलिए किसानों पर मुकदमे दर्ज नही होंगे, किसानों का जब्त सामान भी वापस किया जाएगा।
देशखाप मुखिया सुरेंद्र सिंह ने कहा कि पंचायत ने निर्णय लिया है कि बड़ौत में किसानों का आंदोलन खत्म होता है। सिंधु और गाजीपुर में किसान भाई डटे हुए हैं, उन्हें हमारी जरूरत है। इसलिए आप माहौल को समझिए और गाजीपुर बॉर्डर कूच करते हुए वहां तन-मन-धन से समर्थन करिए।
ये महापंचायत बड़ौत तहसील में हुई है, जिसमें खाप मुखियाओं समेत सैकड़ों किसान जुटे थे। किसान की संख्या को देखते हुए खाप चौधरी गद्गद् हो गए। तहसील परिसर जय-जवान, जय किसान के नारों से गूंज उठा। वहीं पंचायत में भाजपा सरकार के खिलाफ भी दिखा गुस्सा दिखाई दिया।
गाजीपुर बार्डर में राकेश टिकैत के तेवरों को देखने के बाद बागपत पुलिस ने सबक लिया, नाराज खाप मुखियाओं से धरने में हुई अभद्रता के लिए क्षमा मांगी और पुन: धरना न करने की अपील की है। किसान भी एडीएम बागपत का भाषण सुनकर गदगद हो गए और धरना समाप्ति की घोषणा कर दी।