कैसे बनेगी बात? अब किसानों ने सरकार से बातचीत के लिए कृषि कानूनों को रद्द करने की प्रक्रिया बताने की रखी शर्त

विकास सिंह
शनिवार, 26 दिसंबर 2020 (18:30 IST)
नए कृषि कानून पर केंद्र सरकार के किसानों संगठनों को फिर से बातचीत के पत्र के बाद आज 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने एक साथ बैठक कर सरकार से आगे की बातचीत सशर्त करने पर अपनी सहमति जताई है। संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद 40 किसान संगठनों की ओर से कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल को पत्र लिखर 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे बैठक की बात कही गई है। किसान संगठनों ने कहा क है कि वह खुले मन से वार्ता करने के लिए हमेशा तैयार रहे है और आगे भी रहेंगे।
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सरकार के साथ बैठक का एजेंडा  
1-तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द/निरस्त करने के लिए अपनाए जाने वाली क्रियाविधि।
2-सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग द्वारा सुझाए लाभदायक MSP पर खरीद की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान।
3-"राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश, 2020" में ऐसे संशोधन जो अध्यादेश के दंड प्रावधानों से किसानों को बाहर करने के लिए ज़रूरी हैं।
4-किसानों के हितों की रक्षा के लिए 'विद्युत संशोधन विधेयक 2020' के मसौदे में ज़रूरी बदलाव।
 
वहीं संयुक्त किसान मोर्च की जवाबी चिट्ठी में लिखा गया है कि “अफसोस है कि इस चिठ्ठी में भी सरकार ने पिछली बैठकों के तथ्यों को छिपाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की है। हमने हर वार्ता में हमेशा तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की। सरकार ने इसे तोड़ मरोड़ कर ऐसे पेश किया, मानो हमने इन कानूनों में संशोधन की मांग की थी। हमने पहली बातचीत से ही लगातार MSP का मुद्दा उठाया, लेकिन सरकार ऐसे दिखाती है मानो हम इस मुद्दे को पहली बार उठा रहे हैं। आप अपनी चिठ्ठी में कहते हैं कि सरकार किसानों की बात को आदरपूर्वक सुनना चाहती है। अगर आप सचमुच ऐसा चाहते हैं तो सबसे पहले वार्ता में हमने क्या मुद्दे कैसे उठाए हैं, इसके बारे में गलतबयानी ना करें और पूरे सरकारी तंत्र का इस्तेमाल कर किसानों के खिलाफ दुष्प्रचार बंद करें”।
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चिट्ठी में आगे लिखा है कि “सरकार कहती हैं कि वह किसानों की सुविधा के समय और किसानों द्वारा चुने मुद्दों पर वार्ता करने को तैयार है, इसलिए हम संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सभी संगठनों से बातचीत कर निम्नलिखित प्रस्ताव रख रहे हैं। हमारा प्रस्ताव यह है कि किसानों के प्रतिनिधियों और भारत सरकार के बीच अगली बैठक 29 दिसंबर 2020 को सुबह 11 बजे आयोजित की जाए।
 

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