नई दिल्ली। केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठन आज 4 घंटे तक 'रेल रोको' आंदोलन करेंगे। इसे देखते हुए रेलवे ने पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और पश्चिम बंगाल पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही देशभर में रेलवे सुरक्षा विशेष बल (आरपीएसएफ) की 20 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की हैं। इससे पहले किसान संघों ने 6 फरवरी को 'चक्काजाम' और 26 जनवरी को 'ट्रैक्टर परेड' का आयोजन किया था।
ट्रैक्टर परेड के दौरान प्रदर्शनकारियों के एक वर्ग का पुलिस के साथ संघर्ष हो गया था और कुछ ने लाल किले पर धार्मिक झंडा फहरा दिया था। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर पिछले सप्ताह 'रेल रोको' अभियान की घोषणा की थी। एसकेएम ने 18 फरवरी को राष्ट्रव्यापी रेल रोको कार्यक्रम के दौरान सबसे शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की। एसकेएम ने एक बयान में कहा कि (रेल रोको) दोपहर 12 से शाम 4 बजे के बीच होगा जिसे समूचे देश का समर्थन मिलने की उम्मीद है।
रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक अरुण कुमार ने कहा कि मैं सभी से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। हम जिला प्रशासनों के साथ संपर्क बनाए रखेंगे और नियंत्रण कक्ष बनाएंगे। हम खुफिया जानकारी इकट्ठा करेंगे। पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों और कुछ अन्य क्षेत्रों पर हमारा ध्यान केंद्रित रहेगा। हमने इन क्षेत्रों में रेलवे सुरक्षा विशेष बल (आरपीएसएफ) की 20 कंपनियों को तैनात किया है।
कुमार ने कहा कि हम उन्हें इस बात पर राजी करना चाहते हैं कि यात्रियों को कोई असुविधा नहीं हो और हम चाहते हैं कि यह (रेल रोको) अभियान शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त हो जाए। उत्तरी रेलवे के सूत्रों ने कहा कि वे उम्मीद कर रहे हैं कि 'रेल रोको' आंदोलन पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तरप्रदेश में केंद्रित होगा।
एक अधिकारी ने कहा कि रेल रोको अभियान के मद्देनजर रेलगाड़ियों की आवाजाही पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। एक बार जब हमें विरोध की स्थिति की तस्वीर मिल जाती है तो संवेदनशील स्थानों की पहचान हो जाती है तो हम कार्रवाई की योजना बनाएंगे। हमारे पास लगभग 80 रेलगाड़ियां हैं, जो संभावित संवेदनशील क्षेत्रों से गुजरती हैं और उनमें से ज्यादातर दोपहर 12 बजे से पहले ही गुजर जाती हैं।
भाजपा नेताओं ने पश्चिमी उप्र, हरियाणा में बैठकें कीं : केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ विमर्श का मुकाबला करने के लिए हरियाणा और पश्चिमी उत्तरप्रदेश के एक प्रमुख कृषक समुदाय के भाजपा नेताओं ने जाट लोगों और खापों के सदस्यों से संपर्क करने के लिए अलग-अलग बैठकें कीं। पश्चिमी उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर से लोकसभा सदस्य और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने क्षेत्र के भाजपा नेताओं की बैठक का समन्वय किया। बैठक में पार्टी के उपाध्यक्ष सौदान सिंह और मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने भाग लिया। हरियाणा भाजपा के नेताओं की गुडगांव में आयोजित बैठक की अध्यक्षता राज्य के पार्टी प्रमुख ओपी धनखड़ ने की।
बैठक में राज्य सरकार के मंत्रियों, पार्टी सांसदों व विधायकों ने भाग लिया। बैठक में मौजूद सूत्रों ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ उस विमर्श का मुकाबला करने के लिए एक योजना बनाई गई है जिसे मुख्य रूप से कम्युनिस्ट विचारधारा वाले लोगों ने बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि पूरे किसान समुदाय, खासकर जाटों से संपर्क कायम करने की नीति बनाई गई है।
सूत्रों ने कहा कि पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों ने इन नेताओं से कहा है कि वे लोगों के पास जाएं और तीनों नए कृषि कानूनों के बारे में गलत धारणाएं और गलतफहमियों को दूर करें। इन राज्यों के ज्यादातर भाजपा नेताओं को लगता है कि जब बीकेयू नेता राकेश टिकैत के रोने और दिल्ली-उत्तरप्रदेश सीमा पर गाजीपुर में विरोध स्थल छोड़ने से इंकार करने के बाद आंदोलन ने भावनात्मक मोड़ ले लिया। (भाषा इनपुट)