नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन की वजह से दिल्ली और पड़ोसी राज्यों के लोगों को असुविधा हो रही है तथा उन्हें एवं सरकारी खजाने को आर्थिक नुकसान भी हो रहा है।
गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के काफिलों ने 26 जनवरी को बलपूर्वक दिल्ली आने की कोशिश की और इसके लिए उन्होंने पुलिस के अवरोधक भी अपने ट्रैक्टरों की मदद से तोड़ डाले तथा उन्होंने आक्रामक रुख अपनाया, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और लोकसेवकों को अपना दायित्व निर्वाह करने से रोकने के लिए आपराधिक बल का प्रयोग किया जिससे ड्यूटी पर तैनात कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
गृह राज्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने सूचित किया है कि राष्ट्रीय राजधानी की गाजीपुर, चिल्ला, टीकरी और सिंघू सीमाएं किसानों के आंदोलन की वजह से बाधित हैं और इसकी वजह से दिल्ली और आसपास के राज्यों के लोगों को असुविधा हो रही है। किसी भी तरह के आंदोलन से लोगों को और सरकार को आर्थिक नुकसान होता है तथा किसानों और प्रदर्शनकारियों ने सामाजिक दूरी का पालन नहीं किया और कोरोनावायरस महामारी के बावजूद ये लोग बिना मास्क पहने बड़ी संख्या में एकत्र हुए।
रेड्डी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने जो किया, उसके बाद दिल्ली पुलिस के पास भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले, पानी की धार छोड़ने और हल्का बलप्रयोग करने के अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं था।
उन्होंने इस बात से इंकार किया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी और प्रवर्तन निदेशालय ने किसानों के आंदोलन को मानवीय आधार पर सहयोग देने के कारण करीब 40 लोगों को समन जारी किया है। रेड्डी ने यह भी बताया कि किसानों की चिंता के समाधान के लिए सरकार ने किसान नेताओं के साथ 11 दौर की बातचीत की लेकिन इसमें कोई हल नहीं निकल पाया। (भाषा)