नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा सरकार के साथ बातचीत करने के लिए गठित 5 सदस्यीय समिति को अभी तक केंद्र से कोई सूचना नहीं मिली है और इसलिए किसान आंदोलन के संबंध में भविष्य की कार्रवाई के बारे में मंगलवार को मोर्चा की एक बैठक में फैसला किया जाएगा। एसकेएम द्वारा जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई।
एसकेएम के तत्वावधान में किसान संगठनों ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी, किसानों के खिलाफ 'फर्जी मामलों' को वापस लेने और आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के पुनर्वास के लिए आंदोलन को तेज करने की जरूरत है।
एसकेएम 40 से अधिक किसान संघों का एकछत्र निकाय है। एसकेएम ने प्रदर्शनकारी किसानों की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिजनों को मुआवजा और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मुकदमे वापस लिए जाने सहित लंबित मांगों पर सरकार के साथ बातचीत करने के लिए शनिवार को 5 सदस्यीय समिति का गठन किया था। एसकेएम के सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पिछले हफ्ते फोन पर एक वरिष्ठ किसान नेता से बात की थी।
एसकेएम की 5 सदस्यीय समिति में किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल, अशोक धावले, शिव कुमार कक्का, गुरनाम सिंह चढूनी और युद्धवीर सिंह हैं। बयान में कहा गया कि 5 सदस्यीय समिति को अब तक केंद्र सरकार से 21 नवंबर, 2021 को प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में उल्लिखित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए कोई सूचना नहीं मिली है। इसमें कहा गया कि ऐसे में एसकेएम द्वारा कल (मंगलवार) को सिंघू मोर्चा में अपनी बैठक के माध्यम से भविष्य में आंदोलन तेज करने के कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी।