नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि जो भी सरकार के खिलाफ खड़ा होगा उसे आतंकवादी कहा जाएगा, चाहे फिर वे किसान, मजदूर हों या फिर संघ प्रमुख मोहन भागवत।
आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में गुरुवार को राहुल गांधी ने कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की एवं दो करोड़ किसानों के हस्ताक्षर वाला ज्ञापन उन्हें सौंपा। इस मौके पर मीडिया से चर्चा करते हुए राहुल ने कहा कि तीनों ही कानूनों से किसानों और मजदूरों का नुकसान होगा।
मांग पूरी होने तक नहीं लौटेंगे किसान : राहुल गांधी ने कहा है कि हाल में पारित कृषि संबंधी तीनों कानून किसान विरोधी हैं और इनको वापस लेने के बाद ही दिल्ली दरबार के सामने आंदोलन कर रहे किसान अपने घरों को लौटेंगे।
उन्होंने कहा कि हमने राष्ट्रपति को बताया है कि देश का किसान इन कानूनों के खिलाफ खड़ा है और सरकार उनकी मांग नहीं मानने पर अड़ी है। राहुल के साथ गुलाम नबी आजाद और अधीर रंजन चौधरी भी शामिल थे।
गांधी ने कहा- सर्दी का मौसम है और पूरा देश देख रहा है कि किसान दुख में है, दर्द में है और मर रहा है। प्रधानमंत्री को उनकी बात सुननी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि सरकार को यह समझ लेना चाहिए कि किसान का आंदोलन खत्म होने वाला नहीं है इसलिए उसे उनकी बात अवश्य सुननी चाहिए। किसान तब तक अपने घरों को नहीं लौटेंगे जब तक उनकी मांग मानते हुए तीनों किसान विरोधी कानून वापस नहीं लिए जाते हैं।