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कस्टमाइज ज्वेलरी का क्रेज

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चाहे कपड़े हो ं या कीमती गहने। खुद की पसंद के हो तो ही मन को रास आते हैं। इस सोच के साथ महिलाएँ रेडीमेड की बजाय खुद की डिजाइन्स देकर सुनार से गहने गढ़वा रही हैं। इसके लिए कोई कैटलॉग, तो कोई ड्रेस पर बनी कसीदाकारी को आभूषणों का रूप दे रही हैं।

ज्वेलर्स का मनाना है कि सोने पर मँहगाई इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है। इसके बाद बनवाई में लगने वाले समय से भी उन्हें कोई शिकायत नहीं, पर पसंदीदा आभूषण उनकी प्राथमिकता है।

पहले का समय था जब लोग सुनार की दुकान में बैठ कर अपनी पसंद के गहने तैयार करवाते थे, पर धीरे धीरे यह प्रचलन खत्म हो गया था। पर अब एक बार फिर वह समय आ गया है जब गहने के लिए चूजी महिलाएँ अपनी पसंद की डिजाइन में ही ज्वेलरी बनवाना पसंद करती हैं। फिर चाहे वह नाक का छोटा सा लौंग हो या फिर हैवी नेकलेस। हर ज्वेलरी में वे अपनी पसंद की डिजाइन ही लेना चाहती हैं। कई बार तो वे अपनी सा़ड़ी और लहँगे की कारीगरी को गहनों में गढ़वाना चाहती हैं ताकि ड्रेस और ज्वेलरी का परफेक्ट मैच हो सके।

ज्वेलरी और कपड़े खुद की पसंद
कपड़े और ज्वेलरी तो खुद की पसंद की ही होनी चाहिए। युवति‍याँ इससे समझौता नहीं कर सकती। आखिर फैशन की इस दुनिया में कुछ अलग हटके दिखने की चाह को ऐसे ही तो पूरा किया जा सकता है। इसके लिए वे मैग्जीन्स और कैटलॉग से ज्वेलरी के डिजाइन्स को मिक्स कर लेती हैं।

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साड़ी में की गई कारीगरी और ब्लाउज और सूट की डिजाइन के अकोर्डिंग भी ज्‍वेलरी तैयार की जाती है। ज्वेलरी का खासा शौक रखने वाली श्रीमती सुनीता ने बताया कि अभी कुछ दिनों पहले ही उन्होंने अपनी बहन की शादी के लिए डिजाइन तैयार कर गहने बनवाए थे, जिसे शादी के दौरान सभी ने खूब पसंद किया।

बुक्स और नेट का सहारा
आजकल लड़कि‍याँ ज्वेलरी खरीदने के लिए वे काफी सावधानी बततती हैं। कभी भी कोई गहना खरीदना हो वे उसके लिए काफी सारी डिजाइन देखकर फिर उसमें से अपनी खुद की डिजाइन क्रिएट करती हैं और वैसा ही गहना तैयार करवाती हैं। कई बार वे ज्वेलरी शाप से ही कैटलॉग लेकर उसमें कुछ अपनी डिजाइन डाल देती हैं। इंटरनेट और मैगजीन्‍स से भी ज्‍वेलरी डि‍जाइन देखकर ज्‍वेलरी डि‍जाइन कराई जाती है।

डिजाइन की कॉपी
आजकल आर्टीफिशियन ज्वेलरी ट्रेंड में ज्‍यादा है क्योंकि उसकी डिजाइन काफी यूनिक होती हैं। गोल्ड की ज्वेलरी भी आजकल आर्टीफिशियल डिजाइन का ट्रू कॉपी होता है।

सोने के दाम काफी बढ़ गए हैं, ऐसे में अपनी मनपसंद की डिजाइनर ज्वेलरी पहनने से ही संतुष्टि मिलती है। इसी सोच के चलते ज्यादातर युवति‍याँ अपनी खुद की डिजाइन या फिर इंटरनेट या मैग्जीन की डिजाइन लेकर आती हैं और वैसी ज्वेलरी बनवाती हैं। गोल्ड ज्वेलरी में डिजाइनिंग के लिए रोडियम, रेड पालिश, ब्लैक पालिश के अलावा डायमंड, घुंघरू और छोटे नग का भी इस्तेमाल करवाती है। ग्राहक की पसंदीदा डिजाइन को कम्प्यूटर पर स्कैन कर लि‍या जाता है। फिर उससे ज्वेलरी तैयार की जाती है।

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