फैशन की चमक के पीछे साइड इफेक्ट

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फैशन की चमक ऐसी है कि इसके प्रभाव से खुद को बचा पाना बड़ा मुश्किल है। स्टाइलिश दिखने के लिए नए फैशन और मेकअप ट्रेंड फॉलो करने सभी की ख्वाहिश होती है, लेकिन हमेशा ग्लैमरस व फैशनेबल दिखने के लिए महिलाएँ व युवतियाँ क्या-क्या नहीं करती।

वैक्सिंग के दौरान दर्द सहने से लेकर टाइट फिटिंग कपड़े तक वो बिना किसी परेशानी पहन लेती हैं। खूबसूरत दिखने की चाह में फैशन के साइड इफेक्ट्स को नजरअंदाज कर बैठती हैं और हमेशा अट्रेक्टिव व ब्यूटीफुल दिखने के लिए मेकअप की एक्सपायरी डेट की परवाह किए बिना बेधड़क उसका इस्तेमाल करती रहती हैं। कई महिलाओं के चेहरे पर तो हमेशा मेकअप रहता है, तो कुछ गर्ल्स तो लिप ग्लॉस या लिपस्टिक को हमेशा टच-अप देती रहती हैं।

आमतौर पर महिलाएँ व युवतियाँ पुराने मेकअप प्रोडक्ट्स को लगातार इस्तेमाल करती रहती हैं। लिप ग्लॉस, लिपस्टिक, फाउंडेशन के साथ ही नेल पेंट खराब होने के बाद भी यूज करते रहते हैं, जो स्किन पर गलत असर डालते हैं। ब्यूटी एक्सपर्ट अलका भादुड़ी के अनुसार कॉस्मैटिक्स में एक्सपायरी डेट नहीं लिखी होती है।

छह महीने से ज्यादा किसी भी कॉस्मैटिक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, इसलिए स्मॉल पैक ही खरीदें, ताकि उसे रेग्यूलर यूज करके खत्म किया जा सके। लिपस्टिक को ज्यादा दिन तक इस्तेमाल करने से उसमें से स्मैल आने लगती है। एक्सपायरी डेट की लिपस्टिक लगाने से स्किन कैंसर का खतरा रहता है।

इसी तरह खराब फाउंडेशन के इस्तेमाल से पिगमेंटेशन होने लगता है। चेहरे पर लाल-लाल दाने निकलने लगते हैं। मस्कारा में बैक्टीरिया की ग्रोथ काफी तेजी से होती है। मस्कारा और आई लाइनर का इस्तेमाल करते रहने से आँखों में खुजली, आँखों से पानी निकलना जैसी समस्याएँ हो जाती है।

टाइट कपड़े कर सकते हैं बीमार :
टाइट फिटिंग वाली जींस, स्कर्ट्स और ड्रेस निश्चित तौर पर आपको हॉट लुक देते हैं, लेकिन इनसे भी कई तरह की परेशानी हो सकती है। इस तरह के ड्रेस से न सिर्फ साँस लेने और चलने-फिरने में परेशानी होती है। ये पोश्चर बिगाड़ सकते हैं यही नहीं रीढ़ की हड्डियों में भी परेशानी हो सकती है।

फैशन एक्सपर्ट परविंदर कौर के अनुसार टाइट कपड़े बॉडी के शेप पर भी असर डालते हैं। दिनभर यदि टाइट कपड़े पहनें हो तो अन इजी फील होने लगता है। इससे सिर दर्द, बॉडी पेन जैसी परेशानियों से सामना हो सकता है। इसके साथ ही इनर वियर की खरीदारी और यूज करते समय भी कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत होती है।

फैशन डिजाइनर से कंसल्ट करके अपने इनरवियर का सही साइज मालूम कर लेना चाहिए। आउटफिटिंग बेहतर हो, इसके लिए इनर वियर की फीटिंग अच्छी होनी चाहिए। आजकल हॉल्टर नेक वाले इनर वियर मार्केट में अवलेबल हैं। यह आउटफिट के साथ कंट्रास मैचिंग में मिलते हैं, जो आपके ड्रेस को बेहतर लुक देने में हेल्प करते हैं।

बैग का बढ़ रहा वजन :
महिलाओं व युवतियों के हैंडबैग का वजन भी दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। पहले कुछ खास चीजें ही पर्स में रखी जाती थी, लेकिन अब महिलाएँ कॉस्मैटिक्स,जरूरी कागजात, मोबाइल के अलावा कई तरह की चीजें रखने लगी हैं। लगातार कंधे पर बैग रखने से रीढ़ की हड्डी में दर्द, कंधे का दर्द जैसी परेशानी होने लगती है।

ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ डॉ. सुनील खेमका के अनुसार बैग में लिमिटेड चीजें ही रखनी चाहिए। कॉस्मैटिक्स के तौर पर जो बेहद जरूरी हो, वही चीजें रखें या छोटी साइज की चीजें रखें। अगर बहुत जरूरी न हो तो कंधे पर बैग काफी समय तक न रखें।

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