Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

फादर्स डे पर पढ़ें कविता : पितृ-छाया

हमें फॉलो करें फादर्स डे पर पढ़ें कविता : पितृ-छाया
डॉ. निरुपमा नागर
 
जिंदगी मुस्कुराती खड़ी थी
जाने मोड़ वह कैसा आया
चौराहे पर खड़े खड़े 
तूफान, जैसे कोई आया
घनघोर अंधेरे ने बांहे पसराई
थी राहें चार वहां 
फिर भी,
सूझ एक न पाई 
दिशा विहिन मैं
समझ पाई यह प्रभुताई 
पितृ-छाया ही उसने उठाई...  
              
डॉ. निरुपमा नागर

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

फादर्स डे पर पढ़ें दोहे : पर बेटी के रूप में ,सदा गई मैं हार.....