सेंट पीटर्सबर्ग। स्वीडन ने दूसरे हाफ में एमिल फ़ोर्सबर्ग के शानदार गोल की बदौलत स्विट्जरलैंड को मंगलवार को 1-0 से हराकर फीफा विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में स्थान बना लिया।
स्वीडन का क्वार्टर फाइनल में इंग्लैंड और कोलंबिया के बीच मैच के विजेता से मुकाबला होगा। यह मुकाबला काफी संघर्षपूर्ण रहा और इस जीत में फ़ोर्सबर्ग के शॉट पर स्विट्जरलैंड के डिफेंडर के पैर से डिफ्लेक्शन का भी योगदान रहा।
यदि डिफेंडर का पैर नहीं लगा होता तो गेंद सीधे गोलकीपर के हाथों में चली जाती। पहला हाफ गोलरहित रहने के बाद दूसरे हाफ में 66वें मिनट में फ़ोर्सबर्ग ने बॉक्स के मुहाने से बेहतरीन शॉट लगाया, गोलकीपर यान सोमर इस शॉट को रोकने के लिए अपनी पोजीशन पर मुस्तैद थे लेकिन स्विस डिफेंडर मैन्युअल अकान्जी ने गेंद को क्लियर करने की कोशिश में गेंद को अपने से पैर से डिफलेक्ट कर दिया और गेंद गोल के कॉर्नर में समा गई। गोलकीपर के पास इसे रोकने का कोई मौका नहीं था। इस गोल को आत्मघाती गोल करार नहीं दिया गया और यह गोल फ़ोर्सबर्ग के हिस्से में आया। दोनों टीमें पहली बार विश्व कप में आमने-सामने हुई और बाजी स्वीडन के हाथ लगी।
स्वीडन ने मैच में ज्यादा मौके बनाए और उसे मैच के इंजरी समय में पेनल्टी भी मिल गई थी जब लेंग ने पेनल्टी एरिया में घुस रहे स्थानापन्न खिलाड़ी ओलसन को पीछे से धक्का देकर गिरा दिया।
रेफरी ने तुरंत पेनल्टी का इशारा किया, लेकिन रेफरल पर पेनल्टी को फ्री किक में बदला गया। इस पर कोई गोल नहीं हुआ और स्वीडन ने 1-0 से जीत हासिल कर ली। स्वीडन 1994 में विश्वकप के सेमीफाइनल में पहुंचने के 24 साल बाद क्वार्टर फाइनल में पहुंच गया।
स्विट्जरलैंड को कप्तान स्टीफन लीशेटनर और फाबियन शार की अनुपस्थिति का नुकसान उठाना पड़ा जो दो-दो येलो कार्ड मिलने के कारण इस मैच से बाहर गए थे। रिकार्डो रोड्रिग्ज, जेरदान शकीरी और ग्रनित शाका जैसे स्टार खिलाड़ी स्विट्जरलैंड को 1954 के बाद पहली बार क्वार्टरफाइनल में ले जाने का सपना पूरा नहीं कर सके। (वार्ता)