मॉस्को। फ्रांस की टीम फुटबॉल विश्व कप के अपने दोनों मैच जीतने के बाद नॉकआउट में पहुंच चुकी है लेकिन दूसरे दौर में अपनी राह आसान करने के लिए उसका लक्ष्य ग्रुप 'सी' में शीर्ष पर बने रहने का है जिसके लिए मंगलवार को उसे डेनमार्क के खिलाफ बड़ी जीत की दरकार रहेगी।
फ्रांस ने ऑस्ट्रेलिया और पेरू के खिलाफ दोनों मैच जीते हैं और वह नॉकआउट में जगह बना चुकी है लेकिन अंतिम 16 में अच्छी लय में खेल रही ग्रुप 'डी' की क्रोएशिया से बचने के लिए उसे अपने ग्रुप 'सी' में शीर्ष पर बने रहना होगा। फ्रांस को ग्रुप में शीर्ष पर रहने के लिए अगले मैच में कम से कम ड्रॉ की जरूरत है ताकि वह ग्रुप 'डी' में दूसरे नंबर की संभावित टीम अर्जेंटीना या नाइजीरिया से मुकाबले में उतरे।
डेनमार्क दूसरी ओर ग्रुप 'सी' में अपराजित है और उसने 1 जीत और 1 ड्रॉ खेला है और 4 अंक के साथ वह दूसरे नंबर पर है। डेनमार्क के कोच एज हारिड भी अपनी टीम के प्रदर्शन से काफी उत्साहित हैं और मैच से पहले उन्होंने कहा है कि फ्रांस में कुछ खास नहीं है, साथ ही पोल पोग्बा के हेयरकट का भी। वे मजाक बनाकर सुर्खियों में आए हैं। डेनमार्क की टीम यदि ड्रॉ भी खेलती है तो वह क्वालीफाई कर लेगी लेकिन यदि वह हारती है और ऑस्ट्रेलिया अपना मैच पेरू से जीत जाती है तो उसे बाहर होना पड़ सकता है।
डिडिएर डीशैंप की टीम दूसरी ओर डेनमार्क के बजाय फिलहाल क्रोएशिया से अधिक घबरा रही है जिसे आखिरी 7 मैचों में फ्रांस ने 6 बार हराया है। पोग्बा ने भी कहा कि वे चाहते हैं कि दूसरे दौर में उन्हें क्रोएशिया से न भिड़ना पड़े।
फ्रांस के लिए स्ट्राइकर एंटोनी ग्रिजमैन का चयन सिरदर्द है, जो एटलेटिको मैड्रिड के साथ लंबा सत्र खेलने के बाद रूस पहुंचे हैं और अब तक खास प्रदर्शन नहीं किया है। उम्मीद है कि कोच पोग्बा और ब्लेस मातुदी को बेंच पर बैठा सकते हैं जिन्हें ओपनिंग मैच में येलो कार्ड मिले हैं, वहीं डेनमार्क के विलियम क्वीस्ट पेरू के खिलाफ चोटिल होने के बाद मेडिकल जांच के बाद रूस वापस पहुंच रहे हैं लेकिन उनके खेलते पर संदेह बना हुआ है। (वार्ता)