यूनस आयर्स:अर्जेंटीना की विश्वकप फाइनल में फ्रांस पर जीत के साथ ही पूरा देश जश्न में डूब गया तथा लोगों ने सड़कों पर उतर कर जमकर खुशियां मनाई।अर्जेंटीना ने फाइनल में फ्रांस को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से हराया। यह 1986 के बाद देश का पहला और कुल तीसरा खिताब है।
अर्जेंटीना के कई शहरों में सार्वजनिक स्थलों पर बड़ी बड़ी स्क्रीन लगाई गई थी जहां पर लोगों ने फाइनल मैच देखा। अर्जेंटीना की जीत के साथ ही वे सभी जश्न में डूब गए।ऐसे ही एक स्थल पर मैच का आनंद लेने वाली 55 वर्षीय जोसेफिना विलाल्बा ने कहा, मैं बहुत खुश हूं हम इसके वास्तव में हकदार थे। टीम को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा लेकिन समय बढ़ने के साथ वह इससे उबरने में सफल रही।
मैच आगे बढ़ने के साथ भावनाओं का ज्वार भी बढ़ता जा रहा था। लोग चिल्ला रहे थे, उनकी आंखों में आंसू थे और वे एक दूसरे को गले लगा रहे थे। ब्यूनस आयर्स के सार्वजनिक स्थलों पर मैच देख रहे लोग पूरे मैच के दौरान कप्तान लियोनेल मेस्सी का नाम लेकर नारे लगा रहे थे।
मेस्सी को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर माना जाता है लेकिन अभी तक वह विश्व चैंपियन नहीं बन पाए थे। उन्होंने पहली बार विश्व कप ट्राफी अपने हाथ में ली।सुरक्षाकर्मी के रूप में काम करने वाले 34 वर्षीय हेक्टर क्विंटेरोस ने कहा, मैं बहुत खुशी महसूस कर रहा हूं क्योंकि यह पहला विश्वकप था जिसका मैंने भरपूर आनंद लिया।अर्जेंटीना ने 36 साल बाद विश्व कप जीता। इससे पहले उसने 1978 और 1986 में विश्वकप हासिल किया था। वह 1930, 1990 और 2014 में उपविजेता रहा था।
अर्जेंटीना मध्यांतर पर 2-0 से आगे चल रहा था और तभी से उसके प्रशंसक जश्न मनाने लगे थे। लेकिन फ्रांस ने दूसरे हाफ में अच्छी वापसी करके स्कोर बराबर किया। अतिरिक्त समय में भी मेस्सी ने गोल करके अर्जेंटीना को बढत दिला दी थी लेकिन काइलियन एमबापे ने फिर से बराबरी का गोल दाग दिया जिससे अर्जेंटीना के प्रशंसकों की खुशी काफूर हो गई थी।
अर्जेंटीना ने दर्शकों की सांस थाम देने वाले इस मुकाबले को पेनल्टी शूटआउट में जीता जिसके बाद उसके समर्थकों ने राहत की सांस ली और फिर उन्होंने अपने अपने तरीके से खुशी बयां की।वीडियो संपादक फैबियो विलानी ने कहा,जब आपने किसी चीज के लिए बहुत अधिक चुनौतियों का सामना किया हो तो फिर संतुष्टि अधिक होती है।
पिछले कुछ समय से लगातार आर्थिक संकट से जूझ रहे अर्जेंटीना के प्रशंसकों के लिए विश्वकप की इस जीत ने संजीवनी का काम किया है। देश की कोई ऐसी सड़क नहीं थी जिस पर लोग खुशी में न झूम रहे हों।अर्जेंटीना के लोगों ने इस अवसर पर महान डिएगो माराडोना को भी याद किया और कहा कि जीत में उनका भी योगदान है।
अठारह वर्षीय जेवियर लोपेज़ ने अपनी भावनाओं को काबू में रखते हुए कहा, डिएगो निश्चित तौर पर स्वर्ग से देख रहे होंगे। वह नहीं चाहते थे कि अर्जेंटीना को हार मिले।मेस्सी के गृह नगर रोसारियो में लोग जश्न मनाने के लिए सड़कों पर उतर आए। वे अपने नायक के गुणगान करते हुए नारे लगा रहे थे।(एपी)