आज जब सभी विश्व स्तरीय संस्थान भारतीय छात्रों को अपने यहां अध्ययन हेतु प्राथमिकता दे रही है तो ऑस्ट्रेलिया भी यहां के छात्रों को आकर्षित करने का सफल प्रयास करने में लगा है। जहां अन्य देशों खासकर अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस आदि जगहों में पढ़ाई करने एवं रहने पर होने वाले खर्च निरंतर बढ़ते ही जा रहे हैं, ऐसे में ऑस्ट्रेलिया में रहकर भारतीय छात्रों के लिए स्तरीय शिक्षा काफी कम खर्च पर ही सुलभ है। एक बात और जो काफी महत्वपूर्ण है कि ऑस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालयों द्वारा प्रदत्त डिग्री का महत्व न सिर्फ ऑस्ट्रेलिया में बल्कि सारी दुनिया मे है।
प्रतियोगितात्मक है प्रवेश यहां के विश्वविद्यालयों में दाखिला बिलकुल प्रतियोगितात्मक होने के कारण आप यदि 12वीं तक की परीक्षा में सफल भी रहे हो या इसमें आपका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा तो भी कोई खास फर्क नहीं पहुंचता और आप इसके आधार पर वहां अपने दाखिले के लिए दावा नहीं कर सकते। चाहें आपने 12वीं तक की शिक्षा ऑस्ट्रेलिया में ही क्यों न ग्रहण की हो। समय-समय पर यहां के विश्वविद्यालय एवं कॉलेज न्यूनतम प्रवेश प्रारूप की घोषणा करती रहती है। इसके आधार पर अपनी क्षमताओं को आप आसानी से आंक सकते हैं।
अंग्रेजी का ज्ञान उपयोगी है ऑस्ट्रेलिया की शिक्षा पद्धति का अंग्रेजी एक अनिवार्य अंग है तथा इस भाषा के ज्ञान की जांच हेतु इसके अपने मापदंड हैं। इसके अंतर्गत अंग्रेजी आपकी प्राथमिक भाषा होने के साथ-साथ द्वितीय अथवा तृतीय स्तर की शिक्षा में अंग्रेजी विषय में आपकी उपलब्धि अच्छी होनी चाहिए।इतना ही नहीं, उच्च शिक्षा के लिए आई.ई.एल.टी.एम. (इंटरनेशनल लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम) के अंतर्गत आपकी न्यूनतम स्कोरिंग 6 या इससे अधिक होनी चाहिए। 'टेफ' सहित अन्य विशेष शिक्षा के लिए भी इसकी स्कोरिंग न्यूनतम 5 से 6 के बीच होना आवश्यक है। यह टेस्ट ब्रिटिश काउंसिल आयोजित करता है।
सेकेण्डरी में प्रवेश हेतु आई.ई.एल.टी.एस. प्राप्तांक 5 से 6 के बीच होना चाहिए जो स्कूल के रिक्वायरमेंट और अंग्रेजी भाषा के सपोर्ट पर आधारित होता है। 550 या इससे अधिक की स्कोरिंग यदि आपने टी.ओ.ई.एफ.एल. (अमेरिकन टेस्ट ऑफ इंग्लिश एज ए फॉरेन लैंग्वेज) में प्राप्त की है तो यह भी सर्वथा मान्य होता है। यहां एक बात भी ध्यान देने योग्य है कि हाल ही में वीजा ऑफिस ने भी अंग्रेजी भाषा की परीक्षा लेनी शुरू कर दी है और यह समिति यदि आपकी पात्रता से संतुष्ट नहीं होती है तो आप आई.ई.एल.टी.एस. की जांच परीक्षा के प्राप्तांक प्रस्तुत कर सकते हैं।
शिक्ष़ण एवं प्रशिक्षण सुविधाएं ऑस्ट्रेलिया में सर्वोच्च शिक्षा और प्रशिक्षण की सुविधाएं उपलब्ध हैं, इसमें कोई दो राय नहीं है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय शिक्षा के आपेक्षिक खर्च को ध्यान में रखते हुए प्रत्याशित छात्र को अपने शैक्षणिक स्तर, वित्तीय साधन, विदेश में पढ़ने के पीछे मूलभूत कारण, कैरियर गोल एवं स्वकेंद्रित विशेषताओं का ध्यान रखना अत्यंत जरूरी है। क्योंकि यहां की शिक्षण संस्थाएं साधारणतया काफी चयनशील होते हैं और गहन प्रतिस्पर्धा का आयोजन करते हैं। अतः जरूरी है कि उम्मीदवार विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को ध्यान में रखकर वांछनीय कोर्स का चुनाव करते समय यह देखे कि कौन-सा शिक्षण संस्थान उसके शैक्षणिक योग्यता और भविष्य की योजनाओं के सर्वाधिक अनुकूल है।
पाठ्यक्रम ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों में उपलब्ध अंतः स्नातक (अंडरग्रेजुएट) स्तरीय पाठ्यक्रम इस प्रकार हैं- - मानविकी (हयूमैनिटीज) - इंग्लिश, फिलॉसिफी, हिस्ट्री, इथनिक स्टडीज, फॉरेन लैंग्वेज स्टडीज, रिलीजियस स्टडीज, कम्युनिकेशन, वूमेंस स्टडीज।
- शिक्षा (एजुकेशन) - एजुकेशन स्टडीज, टीचिंग। - समाज अध्ययन (सोशल स्टडीज) - ज्योग्राफी लाइब्रेरी एंड आर्काइवल स्टडीज, बिहेवियोरल स्टडीज, वेलफेयर एंड काउंसलिंग, स्पोर्ट एंड रीक्रिएशन, योविटिकल साइंस, सोशियोलॉजी।
इसके अतिरिक्त पोस्ट पोस्ट ग्रेजुएट स्टडीज के लगभग सभी पाठ्यक्रम यहां उपलब्ध हैं। जिसके लिए आवश्यक न्यूनतम योग्यता ऑस्ट्रेलियन अंडर ग्रेजुएट डिग्री अथवा इसके समकक्ष कोई दूसरी डिग्री निर्धारित है। इसके अलावा इस पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु प्रतिभागी को प्रतियोगितात्मक जटिल प्रक्रिया से भी गुजरना होता है। इसी तरह एम.बी.ए. पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए न्यूनतम स्नातक होना अनिवार्य है तथा इस पाठ्यक्रम में आपके कार्य अनुभवएवं जीमैट का भी महत्व है। यहां यह ध्यान देने योग्य है कि एम.बी.ए. की डिग्री प्राइवेट कॉलेज प्रदान नहीं करते।
व्यावसायिक पाठ्क्रम वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग का शिक्षा स्तर काफी उम्दा है, क्योंकि समय की नजाकत को देखते हुए इसके पाठ्यक्रम में समय-समय पर परिवर्तन होता रहता है। यह पाठ्यक्रम टेक्नीकल एंड फरदर एजुकेशन (टेफ) सहित प्राइवेट ट्रेनिंग संस्थानों द्वारा आयोजित किया जाता है। इसमें टेफ ऑस्ट्रेलिया सरकार के अधीन है।
टेफ के पाठ्यक्रमों के नीति निर्धारण में चूंकि इंडस्ट्रीज एवं बिजनेस हाउस भी शामिल होते हैं। इसलिए रोजगार हेतु टेफ ग्रेजुएट सर्वाधिक उपयुक्त माने जाते हैं। इसमें आधुनिकता के साथ ट्रेनिंग की सुविधा होने के साथ-साथ इसके माध्यम से विश्वविद्यालय स्तरीय पाठ्यक्रमों में प्रवेश मिलने में भी सहूलियत होती है। टेफ में प्रवेश पाने के लिए सेकेंडरी पार होने के साथ-साथ इंग्लिश लैंगुएज ट्रेस्ट में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
आवास सुविधाएं विदेशी छात्रों को ऑस्ट्रेलिया में आवास की भी अनेक सुविधाएं उपलब्ध हैं। आप कॉलेज होस्टल,हॉल ऑफ रेसीडेंट, कैम्पस हाउसिंग, प्राइवेट होस्टल अथवा किराए के मकान में अपनी सुविधानुसार रह सकते हैं। इन सभी में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है कि आप यदि स्टूडेंट्स वीजा धारक छात्र हैं तो आप यहां पार्ट टाइम जॉब भी आसानी से कर सकते हैं। इसकी अवधि अधिकतम 20 घंटे प्रति सप्ताह की होती है। इस हिसाब से कुल मिलाकर यदि देखा जाए तो ऑस्ट्रेलिया में अध्ययन करने से आप अपने सपनों को मूर्त रूप देने में सक्षम हो सकते हैं।
विशेष जानकारी के लिए आप निम्न पते परसंपर्क कर सकते है- ऑस्ट्रेलियन एजुकेशन सेंटर, ऑस्ट्रेलियन हाई कमीशन, 1/50, जी, शांति पथ, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली-21, दूरभाष- 6888223, एक्सटेंशन- 408