अधिकतर प्राणियों की तरह व्हेल भी आराम करती है। बाकी सभी जानवर तो सो सकते हैं, लेकिन व्हेल कभी भी लंबे समय तक नहीं सोती। इसके शरीर का आकार इस तरह गोल होता है कि यदि यह सो जाए तो डूबकर मर जाती है। केवल इसका मस्तिष्क कुछ समय के लिए सोता है। पानी के ऊपर यह एक हमलावर की तरह उछलकर आती है और अपनी पूंछ जोर से पानी पर पटकती है।
व्हेल अपनी दूसरे साथियों से संपर्क करते समय एक मधुर ध्वनि निकालते हैं, जिसे व्हेल सांग कहा जाता है। यह ध्वनि बहुत तेज होती है। लगभग 20 हजार वाट के बराबर। यह मीलों दूर तक सुनाई देती है। व्हेल का भोजन मछलियां होता है।
17 वीं शताब्दी में कुछ बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा भारी मात्रा में व्हेल का शिकार किया जाने लगा था। व्हेल को मारकर उसका मांस, तेल और परफ्यूम बनाया जाता था। 1986 में इंटरनेशनल व्हेलिंग कमीशन ने व्हेल के व्यावसायिक शिकार पर पाबंदी लगाई। हालांकि अब भी पूरी तरह से व्हेल का शिकार बंद नहीं हुआ है।
कुछ रोचक बातें * व्हेल को सांस लेने के लिए हवा की जरूरत होती है।
* यह अधिक लंबे समय तक नहीं सोती। इसका आधा मस्तिष्क सोता है तो आधा जागता रहता है।
* व्हेल 30 मील प्रति घंटे की रफ्तार से तैर सकती है।
* व्हेल के शरीर पर बहुत बारीक बाल भी होते हैं।
* इसका खून गर्म होता है।
* व्हेल का सबसे बड़ा दुश्मन मनुष्य है।