लोग कहते रहते हैं कि, 'मेरे पास बहुत ही कम दोस्त हैं इतने कम जिसे आप आसानी से अपनी उंगलियों पर भी गिन सकते हो। तो कुछ लोग ऎसा भी कहते-फिरते हैं कि 'भाई साहब हम नाम ले लेकर थक जाएंगे और आप सुनते-सुनते थक जाएंगे फिर भी हमारे पक्के दोस्तों की सूची खत्म नहीं होगी।'
खैर, अगर आप इस द्वितीय श्रेणी के लोगों में से एक हैं तो समझ लीजिए कि आप दुनिया के सबसे भाग्यशाली व्यक्ति हैं। आप कुछ खास हैं लेकिन यहां पर एक बात जरूर गौर करने लायक है कि आप अपना पक्का दोस्त किसे मानते हैं। आपके अनुसार पक्के और सच्चे दोस्त की परिभाषा क्या है?
क्या आप उस व्यक्ति को तो अपना पक्का दोस्त नहीं मानते हैं जो हमेशा फेविकॉल की तरह आपके पीछे चिपका रहता है? जो अपना फालतू समय आपके पीछे खर्च करता रहता है, अगर आपके घर की छत का एक कबेलु भी टूट जाए तो वह खुद ऊपर चढ़कर उसे बदल देता है। या फिर आप उस शख्स को तो अपना पक्का दोस्त नहीं कहते हैं जो पूरे सप्ताह के दौरान आपसे मिलने से कतराता रहता है।
भाई साहब कहीं आप उन लोगों को तो अपना पक्का दोस्त नहीं मानते ना जिनका चेहरा आपको न चाहते हुए भी हर दिन देखना पड़ता है। ऑफिस के बॉस की तरह जो हर दिन आपके सामने रहता है और आपको अच्छे-बुरे की नसीहत देता रहता है। आपके साथ पार्टियों में घूमता है, हर दिन आपको फोन करता रहता है।
वह लोग तो आपके पक्के दोस्त नहीं है ना जो ऑफिस से छूटने से लेकर घर पहुंचने तक आपके साथ जाते हैं और पूरे रास्ते में आर्थिक मंदी की बातें करते-करते आपका सिर पकाते रहते हैं। खुद का वाहन न होने पर भी जो पेट्रोल में रुपए 2 और डीजल में 1 रुपए की बढ़ोतरी से चिंतित है और आपको भी चिंता में डालते रहते हैं। जो कभी-कभी आपको देखकर रास्ता बदल लेते हैं, जिसके लिए आप महज एक ऑफिस का एयरकूलर है जिसकी और देखने की उन्हें फुरसत नहीं।
मेरी यह सब बातें सुनकर आप जरूर यह सोचने पर मजबूर हो गए होंगे कि, आपके सभी दोस्तों में से आप अपना पक्का दोस्त कहें तो भी किसको कहें? मैंने सही कहा ना? चलो अब आपको ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है। मैं एक ही वाक्य में यह बता देता हूं कि पक्का दोस्त किसको कहते हैं?
' जीवन के सुख-दुख भरे रास्तों में साथ चलने वाले तो कई लोग मिलते हैं लेकिन जो शख्स अपने कदमों के निशान आपके ह्रदय में दूर-दूर तक छोड़ जाए' वही है आपका सच्चा दोस्त।