प्रश्न : दद्दू जी अंततः जब रोवर चांद की सतह को छू लेगा तब यह पक्के तौर पर साबित हो जाएगा कि गौरियों का मुखड़ा चांद जैसा कतई नहीं है। आप क्या कहेंगे इस बारे में?
उत्तर : देखिए यह बात तो पहले से ही साबित हो चुकी है की गौरियोँ के मुखड़े चांद जैसे ऊबड़-खाबड़ नहीं होते।
आज जब रोवर चांद को छुएगा तो उसे जरूर यह लगेगा कि चांद का मुखड़ा गौरी के मुखड़े जैसा प्यारा है। उतरते ही वह जरूर चांद को चूमना चाहेगा। आखिर कितनी मुश्किलें झेल कर वह चांद के समीप पहुंचेगा।