हास्य व्यंग्य : आवाज न दो...

Webdunia
मंगलवार, 16 सितम्बर 2014 (12:36 IST)
एक व्यक्ति की आदत थी कि वह हर बात का जवाब गाने के द्वारा देता था। वह साइकल से जा रहा था तब हवलदार उसे रोकता है और जो बातें उनके मध्य होती हैं, जरा सुनिए -
 
हवलदार- साइकल में लाइट क्यों नहीं?
 
व्यक्ति- 'रोशनी हो न सकी दिल भी जलाया मैंने।'  
 
फिर जाने लगता है तब हवलदार उसे पुनः आवाज लगाता है। 
 
व्यक्ति- 'मैं परेशान हूं मुझे और परेशां न करो...,

....आवाज न दो।'

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