Ganesh Chaturthi 2025 : वेदव्यास ने महाभारत की रचना के लिए गणेश जी को लेखक के रूप में क्यों चुना, रोचक है वजह

WD Feature Desk
मंगलवार, 26 अगस्त 2025 (15:47 IST)
why valamiki chose ganesha to write mahabharata: महाभारत, जिसे दुनिया के सबसे बड़े महाकाव्यों में से एक माना जाता है, की रचना महर्षि वेदव्यास जी ने की थी। उन्होंने इस विशाल ग्रंथ को बोला था, जबकि इसे लिखने का कार्य भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र, श्री गणेश ने किया था। लेकिन, एक सवाल हमेशा मन में उठता है कि आखिर वेदव्यास जी ने इतने बड़े और जटिल ग्रंथ को लिखने के लिए गणेश जी को ही क्यों चुना? इसके पीछे कई गहरे और रोचक कारण छिपे हैं।

ज्ञान और गति का अद्भुत संगम
धर्म-ग्रंथों के अनुसार, महर्षि वेदव्यास जी के पास महाभारत को पूरा करने के लिए बहुत कम समय था और वे इसे शीघ्रता से पूर्ण करना चाहते थे। उनकी बोलने की गति बहुत तीव्र थी। उन्हें एक ऐसे लेखक की तलाश थी जो उनकी इस तीव्र गति के साथ कदम से कदम मिलाकर लिख सके। यह एक बड़ी चुनौती थी, क्योंकि कोई भी साधारण व्यक्ति इस गति को बनाए नहीं रख सकता था।

इसके अलावा, एक और बड़ी समस्या थी - वेदव्यास जी द्वारा बोले जाने वाले संस्कृत के शब्द बहुत कठिन और क्लिष्ट थे। उन शब्दों को बिना रुके, तुरंत समझकर लिखना किसी के लिए भी आसान नहीं था। उन्हें एक ऐसे व्यक्ति की आवश्यकता थी जो न केवल तेज गति से लिख सके, बल्कि उनके द्वारा बोले गए गूढ़ शब्दों को भी तुरंत समझ सके।

बुद्धि, चतुराई और ज्ञान का प्रतीक
यहीं पर गणेश जी का महत्व सामने आता है। गणेश जी को बुद्धि, चतुराई और ज्ञान का देवता माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि महर्षि वेदव्यास जी के द्वारा बोले गए संस्कृत शब्दों को जितनी सरलता से गणेश जी समझ सकते थे, उतनी सरलता से किसी भी अन्य देवता या व्यक्ति के लिए समझना संभव नहीं था। गणेश जी अपने अद्भुत ज्ञान और विवेक के कारण ही वेदव्यास जी के विचारों को सही ढंग से लिख सकते थे।

एक शर्त भी थी, जिसे गणेश जी ने स्वयं रखा था। उन्होंने कहा था कि वे बिना रुके लिखेंगे, लेकिन महर्षि वेदव्यास को भी बिना रुके बोलना होगा। इस शर्त ने लेखन कार्य को और भी चुनौतीपूर्ण बना दिया, लेकिन गणेश जी की तीव्र बुद्धि और वेदव्यास जी के अद्भुत ज्ञान के कारण ही यह कार्य सफल हो सका।

इस प्रकार, वेदव्यास जी ने महाभारत जैसे महान ग्रंथ को लिखने के लिए गणेश जी को चुना, क्योंकि वह जानते थे कि केवल गणेश जी ही ऐसे हैं जो इस कार्य को बिना किसी त्रुटि के पूरा कर सकते हैं। यह कहानी हमें बताती है कि ज्ञान और प्रतिभा का सही संगम ही महान कार्यों को अंजाम दे सकता है।
ALSO READ: Ganesh chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी की तिथि, पूजा सामग्री, पूजन विधि, कथा और स्थापना शुभ मुहूर्त सभी एकसाथ

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक श्रीगणेश उत्सव, जानें दस दिनों तक नैवेद्य चढ़ाने का महत्व

Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी पर जानिए गणपति जी के 16 चमत्कारी मंदिर के बारे में रोचक जानकारी

Ganesh chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी के बाद यदि नहीं करना चाहते हैं गणपति मूर्ति का विसर्जन तो क्या करें?

Ganesh chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी उत्सव में 10 दिनों तक करें 10 भोग अर्पित, हर दिन की पूजा का मुहूर्त भी जानें

Mahalakshmi Vrata 2025: महालक्ष्मी व्रत कब रखा जाएगा, कब होगा समापन, पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

सभी देखें

धर्म संसार

29 अगस्त 2025 : आपका जन्मदिन

Pitru Paksha 2025 upay: पुरखों का चाहिए आशीर्वाद तो पितृ पक्ष से पहले कर लें ये जरूरी काम

29 अगस्त 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

पर्युषण 2025: दिगंबर जैन समाज के दसलक्षण महापर्व पर होगी 10 धर्म की आराधना

घर में सुख-समृद्धि के लिए 10 ज्योतिष टिप्स और उपाय

अगला लेख