गणेश चतुर्थी पर कैसे करें मूर्ति स्‍थापना, जानें गणेश पूजा की सरल विधि

Webdunia
सोमवार, 29 अगस्त 2022 (18:41 IST)
भादौ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी में यानी अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 31 अगस्त 2022 बुधवार को गणेश चतुर्थी के दिन गणपतिजी की मूर्ति स्‍थापना होगी। गणेश चतुर्थी के दिन घर में कैसे करें गणपतिजी की प्रतिमा की स्थापना और फिर पूजा? आओ जानते हैं सरल विधि।
 
स्थापना और पूजा का शुभ मुहूर्त : सुबह 11:04:43 से दोपहर 13:37:56 के बीच गणेशजी की स्थापना करें। यदि आप शाम को करना चाहते हैं तो शाम 05:42 से 07:20 के बीच करें।
 
कैसे करें गणेश प्रतिमा की स्थापना?- Ganesh murti sthapana vidhi:
 
1. गणेश मूर्ति लाने के पूर्व घर और द्वार को सजाएं और पूजा की तैयारी कर लें।
 
2. फिर विधिवत रूप से जयकारे के साथ गणेशजी का घर में मंगल प्रवेश कराएं। मंगल गीत गाएं और आरती उतारें।
 
3. गणेश मूर्ति को स्थापित करने के पूर्व उत्तर या ईशान कोण को साफ करके कुमकुम से स्वस्तिक बनाएं और हल्दी से चार बिंदी बनाएं।
 
4. फिर एक मुट्ठी अक्षत रखें और उस पर लकड़ी का एक पाट रखें और उस पर लाल, पीला या केसरिये रंग का सूती कपड़ा बिछाएं।
 
5. पाट के सामने रंगोली बनाएं। तांबे के कलश में पानी भरकर उसमें आम के पत्ते रखें और उस पर नारियल रखें। कलश को मौली बांधें।
 
6. आसपास सुगंधित धूप, दीप, अगरबत्ती, आरती की थाली, आरती पुस्तक, प्रसाद आदि पहले से रख लें।
 
7. ॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातु, ॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातु, ॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातु बोलकर गणेश मूर्ति को स्थापित करने के पूर्व निम्न मंत्र बोलें।
 
8. फिर स्थापना के दौरान यह मंत्र बोलें- गजाननं भूतगणादिसेवितम कपित्थजम्बू फल चारू भक्षणं। उमासुतम शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम।। आगच्छ भगवन्देव स्थाने चात्र स्थिरो भव।
 
9. अब परिवार के सभी सददस्य एकत्रित होकर ॐ गंगणपते नम: का उच्चारण करते हुए प्रतिमा को पाट पर विराजमान करें और गणपति बप्पा मोरिया का जयघोष करें।
 
10. अब गणेशजी की विधिवत पूजा करके आरती करें और प्रसाद बांटें।
कैसे करें गणेशजी की पूजा?- ganesh chaturthi puja vidhi in hindi : 
 
पूजा सामग्री : सबसे पहले गणेशजी की पूजा के लिए पूजा सामग्री एकात्रित कर लें। जैसे माला, फूल, अक्षत, पंचामृत, कंकू, हल्दी, मिठाई, लड्डू, धूप, दीप, अगरबत्ती, दीपक, चौकी या आसन, कलश, नारियल, आम के पत्ते, केले के पत्ते, दूर्वा, जनेऊ, सिन्दूर, अबीर, गुलाल, सुगंधित (इत्र), ऋतुफल, लौंग-इलायची, सुपारी, आदि।
 
1. गणेशजी को आसन या चौकी पर विधिवत विराजमान या स्थापित करने के बाद उनकी पंचोपचार या षोडोषपचार पूजन की शुरुआत करें।
 
2. पहले मुट्ठीभर चावल के उपर जल भरा कलश स्थापित करें और उसमें आम के पत्ते रखें और उसके उपर नारियल। कलश की पूजा करें। 
 
4. अब केले के पत्तों से पूजा स्थल को सजाएं। 
 
4. अब धूप दीप प्रज्वलित करें और फिर उन्हें माला पहनाएं। 
 
5. माला पहनाने के बाद उन्हें तिलक लगाएं, फूल अर्पित करें और फिर एक-एक करके सभी पूजा सामग्री अर्पित करें।
 
6. फिर उन्हें उनकी पसंद का भोग और नैवेद्य लगाएं।
 
7. उनके बाद उनकी आरती उतारें।
 
8. आरती के बाद सभी को प्रसाद वितरण करें।
 
9. अंत में चतुर्थी की कथा सुनें और यदि व्रत रख रखा है तो फलाहार ग्रहण करें।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Bhagwat katha benefits: भागवत कथा सुनने से मिलते हैं 10 लाभ

Vaishakha amavasya : वैशाख अमावस्या पर स्नान और पूजा के शुभ मुहूर्त

Dhan yog in Kundali : धन योग क्या है, करोड़पति से कम नहीं होता जातक, किस्मत देती है हर जगह साथ

Akshaya tritiya 2024 : 23 साल बाद अक्षय तृतीया पर इस बार क्यों नहीं होंगे विवाह?

Varuthini ekadashi: वरुथिनी एकादशी का व्रत तोड़ने का समय क्या है?

Guru asta 2024 : गुरु हो रहा है अस्त, 4 राशियों के पर्स में नहीं रहेगा पैसा, कर्ज की आ सकती है नौबत

Nautapa 2024 date: कब से लगने वाला है नौतपा, बारिश अच्‍छी होगी या नहीं?

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया की पौराणिक कथा

कालाष्टमी 2024: कैसे करें वैशाख अष्टमी पर कालभैरव का पूजन, जानें विधि और शुभ समय

Aaj Ka Rashifal: राशिफल 01 मई: 12 राशियों के लिए क्या लेकर आया है माह का पहला दिन

अगला लेख