Dharma Sangrah

गणेश चतुर्थी ज्योतिष की नजर में

पं. सुरेन्द्र बिल्लौरे
श्री भगवान गणेश रिद्ध ि- सिद्धि के दाता देवताओं के भी देव हैं। प्रथम पूज्य गणेश मनुष्य तो क्या देवताओं के भ ी कार्य सिद्ध करने के लिए आद ि, अनंत, अखंड, अद्वैत, अभेद, सुभेद जिनको वेदों ने, ‍ऋषियों ने, संतों ने, प्रखंड विद्वानों ने प्रथम पूज्य बताया है। वे सभी देवताओं में प्रथम पूज्य रहे हैं।

WDWD
शिव-पार्वती के मानसपुत्र गणेश का पूजन अनादिकाल से चला आ रहा है और आदिकाल तक चलता रहेगा। जितने भी ग्रह नक्षत्र राशियाँ हैं उनको गणेशजी का अंश माना गया है। यह तर्क नहीं है। सत्य है। गणेश पूजा मानस पूजा है।

मन, वचन और कर्म से पवित्र होकर गणेश का अनुष्ठान करने से गणेशजी की असीम अनुकंपा प्राप्त होती है। अनेक मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाले गणेशजी का संतान, स्वास्थ्य एवं सुख-समृद्धि के लिए पूजन करने से मन की इच्छाएँ अवश्य पूर्ण होती हैं। गणेश को प्रसन्न करने के लिए यदि श्रद्धा से नि:संतान दंपति निम्न स्तोत्र का जाप करें तो अवश्य उन्हें संतान प्राप्त होती है।

नमोस्तु गणानाथाय सिद्धि बुद्धि सुताय च।
सर्वप्रदाय देवाय पुत्र वृद्धि प्रदाय च।।

गुरुदराय गरबे गोपत्रे गुह्य सुताय च।
गोप्याय गोपिता शेष भुवनाय चिदात्मने।।

विश्व मूलाय भव्याय विश्व सृष्टि कारायते।
नमो नमस्ते सत्याय सत्यपूर्णाय शुण्डिने।।
एक दंताय शुद्धाय सुमुखाय नमो नम:
प्रपन्न जनपालायं प्रणतार्ति विनाशिने।।

शरणं भव देवेश सन्तति सुदृढां कुरु।
भविष्यन्ति च ये पुत्रा मत्कुले गणनायक ।।
ते सर्वे तव पूजार्थं निरता स्युर्वतोंमत:।
पुत्र प्रदं इदं स्तोत्रं सर्व‍ ‍सिद्धि प्रदायकम।।

इसी प्रकार गणेशजी निम्न मंत्र की आराधना से शक्कर अर्थात डायबिटीज के रोगी ठीक हो सकते हैं, विशेषकर गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक करने से।

मंत्र :

गजाननं भूत गणादि सेवितं कपित्थजम्बूफल चारू भक्षणम।
उमासुतं शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपंकजम्। ।

विश्व की रचना एवं पालन, संहार करने के बाद भी गणेशजी को प्रथम पूज्य स्थान मिला क्योंकि गणेश पूजा मनुष्य मात्र तक सीमित नहीं है। इनकी पूजा की होड़ देवताओं तक में लगी रहती है। गणेश का पूजन भगवान शंकर व माता पार्वती के विवाह के समय भी हुआ। बाद में यही उनके मानस पुत्र बन आए। कुछ शास्त्रों के अनुसार पूरी पृथ्वी की परिक्रमा की जगह भगवान गणेश ने माता-पिता की परिक्रमा करके भी यह स्थान प्राप्त किया।

Show comments

Dev uthani ekadashi deep daan: देव उठनी एकादशी पर कितने दीये जलाएं

यदि आपका घर या दुकान है दक्षिण दिशा में तो करें ये 5 अचूक उपाय, दोष होगा दूर

Dev Uthani Ekadashi 2025: देव उठनी एकादशी की पूजा और तुलसी विवाह की संपूर्ण विधि

काशी के मणिकर्णिका घाट पर चिता की राख पर '94' लिखने का रहस्य: आस्था या अंधविश्‍वास?

Vishnu Trirat Vrat: विष्णु त्रिरात्री व्रत क्या होता है, इस दिन किस देवता का पूजन किया जाता है?

06 November Birthday: आपको 6 नवंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 06 नवंबर, 2025: गुरुवार का पंचांग और शुभ समय

वक्री बृहस्पति: 11 नवंबर से अगले 25 दिन इन 5 राशियों के लिए बेहद कठिन रहेंगे

Kaal Bhairav Puja 2025: काल भैरव अष्टमी पर करें इस तरह भगवान की पूजा, सभी संकट होंगे दूर

Kaal Bhairav Jayanti 2025: अष्ट भैरव में से काल भैरव के इस मंत्र से मिलेगा उनका आशीर्वाद