Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

अनंत चतुर्दशी 2020 : गणेश विसर्जन के अलावा भगवान अनंत की पूजा

हमें फॉलो करें अनंत चतुर्दशी 2020 : गणेश विसर्जन के अलावा भगवान अनंत की पूजा

अनिरुद्ध जोशी

, रविवार, 30 अगस्त 2020 (10:53 IST)
वर्ष में 24 चतुर्दशी होती है। मूलत: तीन चतुर्दशियों का महत्व है- अनंत, नरक और बैकुण्ठ। अनंत चतुर्दशी भाद्रपद के शुक्ल पक्ष में आती है। डोल ग्यारस के बाद अनंत चतुर्दशी और उसके बाद पूर्णिमा।
 
 
विष्णु की पूजा : परंतु अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान अनंत (विष्णु) की पूजा का विधान होता है। इस दिन अनंत सूत्र बांधने का विशेष महत्व होता है। इस व्रत में भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा के बाद बाजू पर अनंत सूत्र बांधा जाता है। भगवान विष्णु के सेवक भगवान शेषनाग का नाम अनंत है। अग्नि पुराण में अनंत चतुर्दशी व्रत के महत्व का वर्णन मिलता है।
 
श्रीकृष्ण बताया था इसका महत्व : भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों द्वारा जुए में अपना राजपाट हार जाने के बाद श्रीकृष्ण से पूछा था कि दोबारा राजपाट प्राप्त हो और इस कष्ट से छुटकारा मिले इसका उपाय बताएं तो श्रीकृष्‍ण ने उन्हें सपरिवार सहित अनंत चतुर्दशी का व्रत बताया था।
 
उन्होंने कहा था कि चतुर्मास में भगवान विष्णु शेषनाग की शैय्या पर अनंत शयन में रहते हैं। अनंत भगवान ने ही वामन अवतार में दो पग में ही तीनों लोकों को नाप लिया था। इनके ना तो आदि का पता है न अंत का इसलिए भी यह अनंत कहलाते हैं अत: इनके पूजन से आपके सभी कष्ट समाप्त हो जाएंगे।
 
कैसे करें पूजा : प्रातःकाल स्नान आदि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लेकर पूजा स्थल पर कलश स्थापित किया जाता है। कलश पर अष्टदल कमल की तरह बने बर्तन में कुश से निर्मित अनंत की स्थापना करने के पश्चात एक धागे को कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर अनंत सूत्र तैयार करें, इसमें चौदह गांठें लगी होनी चाहिए। इसे भगवान विष्णु की तस्वीर के सामने रखकर भगवान विष्णु और अनंत सूत्र की षोडशोपचार विधि से पूजा शुरू करें और नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें। इसके बाद विधिवत पूजन के बाद अनंत सूत्र को बाजू में बांध लें। पुरुष दांये हाथ में और महिलाएं बांये हाथ में बांधे।
 
अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव।
अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते।।
 
मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने के साथ-साथ यदि कोई व्यक्ति श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करता है, तो उसकी समस्त मनोकामना पूर्ण होती है। धन-धान्य, सुख-संपदा और संतान आदि की कामना से यह व्रत किया जाता है। 
 
गणेश प्रतीमा विसर्जन : अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश उत्सव का समापन होता है। इस दिन गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। इस बार यह तिथि 1 सितंबर 2020 को पड़ रही है। गणेश चतुर्थी से लेकर दस दिनों तक गणेशजी का पूजन किया जाता है और ग्याहरवें दिन पूरे विधि-विधान के साथ विसर्जन किया जाता है।
 
 
चतुर्दशी तिथि : चतुर्दशी के देवता हैं शंकर। इस तिथि में भगवान शंकर की पूजा करने और व्रत रखने से मनुष्य समस्त ऐश्वर्यों को प्राप्त कर बहुत से पुत्रों एवं प्रभूत धन से संपन्न हो जाता है। यह उग्र अर्थात आक्रामकता देने वाली तिथि हैं। चतुर्दशी को चौदस भी कहते हैं। यह रिक्ता संज्ञक है एवं इसे क्रूरा भी कहते हैं। इसीलिए इसमें समस्त शुभ कार्य वर्जित है। इसकी दिशा पश्‍चिम है। यह तिथि चन्द्रमा ग्रह की जन्म तिथि भी है। चतुर्दशी तिथि को मूल रूप से शिवरात्रि होती है, जिसे मासिक शिवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव का व्रत और पूजन करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. जीवन में आने वाले बुरे समय और विपत्तियों को भी यह दूर करता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Anant chaturdashi 2020 : भगवान श्रीकृष्ण ने बताया था अनंत चतुर्दशी का महत्व