अनंत चतुर्दशी पर वैदिक पद्धति से करें अनंतदेव का पूजन

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ऐसे करें भगवान अनंतदेव का पूजन

अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान अनंत नारायण का वैदिक पद्धति से पूजन करने से अक्षय धन-धान्य, सुख-समृद्धि व सौभाग्य की प्राप्ति होती है। 
 
आइए जानते हैं कैसे करें भगवान अनंतदेव का पूजन :- 
 
* विष्णु पुराण के अनुसार अनंतनारायण का पूजन कच्चा सूत अथवा रेशम के डोरे में ग्रंथि (गठान) बनाकर करने का उल्लेख है। ग्रंथि को पूर्व दिशा के ईशान कोण में स्थान दें। 
* काष्ठ की चौकी पर स्वस्तिक बनाकर केशरिया वस्त्र बिछाएं। 
* उस पर चावल रखें। 
* पीपल के पांच पत्ते रखें। 
* इस पर भगवान बाल गोपाल की धातु की मू‍र्ति को विराजित करें। 
* सफेद कच्चे सूत की माला को हल्दी में पीला करें। 
* पश्चात भगवान विष्णु के अनंतनारायण स्वरूप का आह्वान व ध्यान कर पाद प्रक्षालन, पंचोपचार, षोडषोपचार पूजन करें तथा पुरुष सुक्त का पाठ करें। 
* फिर पंचामृत अभिषेक करें। 
* पुन: पंचोपचार पूजन कर धूप, दीप, नेवैद्य लगाएं। 
* तत्पश्चात आरती करें। 
* दूसरे दिन ग्रंथि को डोरे स्वरूप गले में धारण करें। ऐसा करने से विष्णु कृपा बनी रहती है। 
 
इस तरह वैदिक पद्धति से पूजन करने से मनुष्य को जीवन में अपार धन-धान्य, सुख-समृद्धि तथा सौभाग्य की प्राप्ति होती है। 
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